पटना। नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से बिहार के सात से अधिक जिलों में बाढ़ से भारी तबाही का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल में काठमांडू से 100 किलोमीटर उत्तर-पूर्व सिंधुपाल चक जिले के पास शुक्रवार को भूस्खलन से कोसी नदी की मुख्यधारा में अवरोध आ गया है।चीवजव1इस अवरोध को जैसे ही नेपाल सरकार हटाएगी तेज प्रवाह के साथ पानी बिहार की तरफ बढ़ेगा। करीब 10 मीटर तक जल स्तर बढ़ने की आशंका है। सुपौल, सहरसा और मधुबनी जिले में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। मधेपुरा को भी अलर्ट किया गया है। कोसी तटबंध में बसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा जा रहा है। राहत व बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टुकड़ियां पहुंच गई हैं। आशंका है कि शनिवार की देर रात या रविवार की सुबह तक नेपाल से छोड़ा गया पानी बिहार के इन जिलों में पहुंच जाएगा। बहाव के लिए कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। उधर, जल संसाधन विभाग ने बाढ़ प्रबंधन से जुड़े सभी इंजीनियरों की छुप्ती रद्द कर दी गई। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के आदेश पर विभागीय सचिव दीपक कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख (उत्तर) राजेश्वर दयाल, मुख्य अभियंता (मॉनिटरिंग) इंदु भूषण कुमार, संयुक्त निदेशक एके समैयार व कार्यपालक अभियंताओं की 10 सदस्यीय टीम देर शाम हेलिकॉप्टर से वीरपुर पहुंची। शनिवार को सुबह नेपाल प्रशासन ने बिहार सरकार को वहां हुए भूस्खलन से कोसी नदी के प्रवाह के बाधित होने की की सूचना दी। बताया कि अवरोध हटाने पर कोसी नदी के जलस्तर में दस मीटर तक की वृद्धि हो सकती है। एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की दो टीमें संबंधित जिलों में भेजी गई हैं। प्रभावित जिलों में ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) से तटबंध में बसे लोगों को बाहर निकलने की अपील की जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार के मुताबिक केंद्र सरकार से भी एनडीआरएप की 12 टुकड़ी मांगी गई है। उनके मुताबिक कोसी में पांच लाख क्यूसेक तक पानी आ सकता है।