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cm नीतीश ने भरा ‘कमल के फूल’ में रंग, बिहार में सियासत शुरू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए कमल के फूल में रंग क्या भरा? इसपर राजनीतिक बहस शुरू हो चुकी है।

पटना। पटना पुस्तक मेले के उद्घाटन के अवसर पर पद्मश्री बउआ देवी ने कमल का फूल बनाया और उस फूल में सीएम नीतीश कुमार ने गेरूआ रंग क्या भरा? कल दिनभर सोशल मीडिया साइट्स पर तरह-तरह की बातें होती रहीं, इसके बाद आज इस मामले पर बिहार में सियासत भी गर्म हो चुकी है।केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़बोले नेता गिरिराज सिंह ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार कमल के फूल में अपना राजनीतिक रंग भर रहे थे और वो लालू जी को बार-बार जरूर दिखाते रहते हैं कि मैं स्वतंत्र हूं।वहीं इस मामले पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कमल सिर्फ बीजेपी का नहीं है। कितने घरों को तो लालटेन उजाला देता है, अगर इस बात पर किसी को ज्यादा खुशी मिल रही हो तो ये अच्छी बात है।

गिरिराज ने लालू पर कसा था तंज

इससे पहले कल गया में केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से पूछा है कि यदि उनकी तुलना हास्य कलाकार दिवंगत महमूद या फिर जानी वॉकर से की जाए, तब क्या उन्हें अच्छा लगेगा? केंद्रीय मंत्री राजद सुप्रीमो द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम देशों के खिलाफ निर्णय पर किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया जता रहे थे।

उनका कहना था कि वैसे भी लालू प्रसाद को राजनीतिक हलकों में कोई गंभीरता से नहीं लेता। वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए जाने जाते हैं। आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने अपने रेल मंत्रित्वकाल में बिहार की योजनाओं के लिए राशि नहीं प्रदान की। इस कारण कोई परियोजना नहीं पूरी हुई। गिरिराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का जो कदम उठाया, उसके पीछे वोट बैंक नहीं बल्कि देशहित है। उनके अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी ने भूतपूर्व वित्तमंत्री एसबी चव्हाण के नोटबंदी के निर्णय को यह कहते हुए नकार दिया था कि इससे वोटबैंक प्रभावित होगा।

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