लखनऊ। सड़कों पर आने वाले वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ने के बाद सड़क दुर्घटनाओं मे भी आशातीत वृद्धि हुई है। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को हाई टेक कर दिया है और सभी परिवहन विभाग के कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण कर दिया है। अब जिलों के परिवहन कार्यालयों में प्रशिक्षार्थी वाहन चालकों के लिए सारथी योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके तहत वाहनो का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वालो को फार्म भरने के बाद लिखित परीक्षा देनी होगी । परीक्षा मे उत्तीर्ण होने के बाद प्रशिक्षार्थियों को परिवहन कार्यालयों के मैदान में वाहनों को चला कर दिख्.ााना होगा । ड्राइविंग परीक्षा मंे उत्तीर्ण होने के बाद ही परीक्षार्थियों को स्थायी लाइसेंस जारी होगा। अभी तक वाहनो का लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को कार से लेकर भारी वाहनों को चलाने का लाइसेंस आसानी से प्राप्त हो जाता था । बहुत से ऐसे लोगों को लाइसेंस जारी हो जाता था जिनके मिर्गी ऐसे रोग हैं और वह कभी भी उसका शिकार हो सकते हैं। जिसके चलते सड़को पर दुर्घटना एं होती है। बहुत से नाबालिग बच्चों को डी एल लाइसेस जारी हो जाते थे। सड़कों पर वाहन दुर्घटनाए बढ़ने के बाद विभाग ने यातायात नियमों का पालन करने पर विशेष जोर दिया हैं। वर्ष 1980 -81 में 474403 वाहन सड़को पर चल रहे थे। यह वाहन 1990-91 में बढ़कर 1941687 हो गए। वर्ष 2000-01 में यह वाहन 4949062 हुए जो वर्ष 2010-11 में बढ़कर 13287232 हो गए। अब 170048184 तक हो चुके हैं।