केंद्रीय खेल मंत्रलय पहली ग्रामीण और आदिवासी खेल आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली। खेलो इंडिया और फीफा अंडर-17 विश्व कप के जरिये देश में खेल संस्कृति जीवित करने में लगा केंद्रीय खेल मंत्रलय पहली ग्रामीण और आदिवासी खेल आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। ग्रामीण खेल को लेकर तो योजना भी तैयार हो गई है, जबकि आदिवासी खेलों को आदिवासी मामलों के मंत्रलय के साथ मिलकर आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
खेल मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि पदक जीतना अलग बात है, लेकिन इसके साथ देश में खेल संस्कृति का भी विकास होना चाहिए। इसके बाद खेल मंत्री ने देश में पहली बार इन विशेष रूप से इन दोनों खेलों को आयोजित करने की योजना बनाई है। ग्रामीण खेलों की घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है।
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के गांवों के एथलीट पहले ग्रामीण खेलों में भाग लेंगे। इसमें मुख्यत: कुश्ती, खो-खो, रेस, भारोत्ताेलन जैसे खेल आयोजित किए जाएंगे। दिल्ली और उससे सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के गांवों में इन खेलों का बहुत क्रेज है और इसी को देखते हुए यह योजना बनाई गई है। अगर इसको सफलता मिलती है तो इसे आगे पूरे भारत में आयोजित किया जा सकता है।
जहां तक आदिवासी खेलों की बात है तो इसके लिए खेल मंत्री विजय गोयल ने आदिवासी मामलों के मंत्री जुआल ओरम को पत्र लिखा है। गोयल चाहते हैं कि इन खेलों में आदिवासी मामलों के मंत्रलय की भी भूमिका हो। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि समाज के हर वर्ग को खेलों से जोड़ा जाए। इसे सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं किया जाए। आदिवासी खेलों के से नक्सली और अन्य तरह की बुराइयों को भी खत्म करने में आसानी होगी।’