एक और जब पूरा देश यूपी चुनाव के पहले फेज की वोटिंग और शोरगुल में डूबा था, वहीं चुपके से भारतीय वैज्ञानिक बंगाल की खाड़ी में कामयाबी की नई गाथा लिख रहे थे.
शनिवार सुबह 7.45 बजे के देश के पूर्वी समुद्र तट बंगाल की खाड़ी में जैसे ही इंटरसेप्टर मिसाइल ने अपनी तरफ आ रहे मिसाइल को निशाना बनाया, हर किसी की आंखें चमक उठी. दरअसल, भारतीय वैज्ञानिकों ने पृथ्वी डिफेंस व्हीकल (पीडीवी) इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण कर फिर से कामयाबी का लोहा मनवाया है.
यह बैलिस्टिक मिसाइल किसी भी संभावित परमाणु हमले के खतरे को कम करने कारगर है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की अगुवाई में किए गए इस परीक्षण में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपनी तरफ आ रहे मिसाइल को इसने नष्ट कर दिया. यह मिसाइल और अधिक ऊंचाई तक पहुंचने में सक्षम है.
वैज्ञानिक पहले ही कह चुके हैं कि राजधानी नई दिल्ली को वह 2000 किलोमीटर के रेंज में किसी भी मिसाइल के हमले से बचाने के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. यह उसी प्लान का हिस्सा है.
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
यह मिसाइल 80-120 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों को ढूंढकर उन्हें नष्ट कर सकता है. पूरी तरह स्वचालित इस मिसाइल में सेंसर, कंप्यूटर और लॉन्चर लगे हैं. यह दुश्मन के मिसाइल को ढूंढकर उन्हें आसमान में ही नष्ट करने में सक्षम है. यह इंटरसेप्टर मिसाइल परमाणु हथियार ढोने में सक्षम पृथ्वी मिसाइल पर आधारित है.
इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण ने बहुत हद तक आकाश और पेट्रियट मिसाइल सिस्टम की याद दिला दी है.
‘आकाश’ भी किसी से कम नहीं
‘आकाश’ भी करीब 25 किलोमीटर की दूरी तक के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. यह 60 किलोग्राम हथियार ले जाने में सक्षम है. यह मध्यम दूरी तक मार करने वाली विमान भेदी रक्षा प्रणाली है, जो रैमजेट-रॉकेट प्रणोदन प्रणाली से चालित है. यह बिना किसी बाधा के लक्ष्य को सुपरसोनिक गति से नष्ट करने में सक्षम है.
पेट्रियट मिसाइल भी धरती से हवा में मार करने में सक्षम है. दरअसल, पेट्रियट मिसाइल सिस्टम को दुनिया का सबसे मजबूत रक्षा कवच माना जाता है. यही वजह है कि भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील पर सहमति बनी है. चीन के बाद भारत दूसरा देश है, जिसे रूस ये अचूक हथियार बेचने को तैयार है.
क्या है एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम?
लड़ाई के दौरान आसमान में एक के बाद एक मिसाइलें छूटती हैं और दुश्मन की दागी हुई मिसाइलें-दुश्मन के लड़ाकू विमान, दुश्मन के ड्रोन कुछ भी इस आसमानी कहर के क्रोध से नहीं बच पाते. आसमान में दुश्मन के जवाब में दागी गई मिसाइलों का ऐसा जाल बन जाता है कि उसे दुश्मन का कोई भी नापाक हथियार पार कर इस पार नहीं आ पाता और इसी को कहते हैं एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम.
यानी हवाई हमलों से सुरक्षा देने वाली ऐसी रक्षक छत्री जो मिसाइलों, रडार और सैटेलाइट के साथ मिल कर एक बेहद पेचीदा रक्षा कवच का निर्माण करती है. इस रक्षा कवच की ही जिम्मेदारी होती है दुश्मन के मिसाइल हमलों से बचाना.
असरदार और मजबूत रक्षा कवच
अमेरिका का पेट्रियट-एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम-खाड़ी युद्ध के दौरान साबित कर चुका है कि ऐसे सिस्टम कितने कारगर तरीके से दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर सकते हैं. अब पेट्रियट सिस्टम से भी ज्यादा आधुनिक-ज्यादा असरदार और ज्यादा मजबूत रक्षा कवच मौजूद हैं, जिसे एस400 मिसाइल रक्षा प्रणाली कहते हैं.
इस रक्षा कवच के बाद दुश्मन मिसाइलों से खुद को बचाने की भारत की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. आसमान पर एस-400 का सुरक्षा कवच बुनियादी रूप से तीन किस्म की मिसाइलों का सिस्टम है. एस-400 में सुपरसोनिक, हाइपरसोनिक दोनों किस्म की मिसाइलें हैं. एस-400 120 किलोमीटर से 400 किलोमीटर के दायरे में सभी निशाने भेद सकता है.