प्रदेश में कलेक्टरों की मदद के लिए बनेगा डिजिटल कोष
भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश में राय सरकार एक ऐसा डिजिटल कोष बनाने जा रही है , जिसमें कलेक्टरों को न केवल काम करने में मदद मिले, बल्कि जिलों में किए जाने वाले नवाचारों की भी उससे पूरी जानकारी हासिल की जा सके। इसके उपयोग से कलेक्टरों को नई योजनाएं बनाने और सरकारी कामों को करने की रूपरेखा बनाने में भी मदद मिल सकेगी। इस कोष के उपयोग से यह भी पता चल सकेगा कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन समयसीमा के भीतर कैसे किए जाए।किस योजना को किस टाइम लिमिट के भीतर करने के लिए क्या किया जाए। मैदानी अमले से कैसे काम कराया जाए ताकि लोगों को योजनाओं का सही और समय पर लाभ मिल सके ।
इसका फार्मेट एक डिजिटल कोष में मौजूद रहेगा। जिला स्तर पर होने वाली विभिन्न गतिविधियों के लिए कलेक्टर कितना समय दें, उनकी नियमित दिनचर्या कैसी हो इसका उल्लेख भी इस डिजिटल कोष में रहेगा। प्रदेशभर में कलेक्टरों द्वारा जिलों मेंजो नवाचार शुरू किए गए हे जिनके जरिए आम आदमी की जरूरतें पूरी हो रही हो और आम आदमी के जीवन स्तर, रहन-सहन में उल्लेखनीय बदलाव आए, जिले में कार्यशील, जनसंया बढ़े हर जिले का प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में योगदान हो उन सभी नवाचारों को इस डिजिटल कोष में शामिल किया जाएगा।
कार्ययोजना तय करने में भी मिलेगी मदद
कलेक्टरों के लिए राय सरकार जो डिजिटल कोष तैयार कराएगी उसके जरिए उन्हें जिला स्तरीय सरकारी कार्यालयों और शासकीय एजेंसियों के लिए प्रभावी कार्ययोजना तय करने में भी मदद मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को सड़क निर्माण के लिए किस क्षेत्र में किस तरह का काम करना है, भवन निर्माण और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में किस तरह सुधार करना है। इसके लिए भी कलेक्टरों को मार्गदर्शन मिल सकेगा।
नवाचारों का होगा जिलों में प्रयोग
कलेक्टरों के नवाचारों का प्रयोग प्रदेश के अन्य जिलों में भी किया जाएगा। डिजिटल कोष को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे कि नई योजनाएं और समितियां बनाने से पहले कलेक्टर सहित सभी नीति निर्माता और वरिष्ठ अधिकारी इसे एक संदर्भ के रूप में उपयोग कर सकेंगे। जिले में हर काम के लिए होने वाली बैठक कैसे की जाए, उनमें कितना समय दिया जाना चाहिए। बैठक में किन-किन अधिकारियों को बुलाया जाए, उन्हें वहां किस तरह से निर्देशित किया जाए, यह सब इस डिजिटल कोष में होगा जिसका कलेक्टर जिलों में उपयोग करेंगे। एक डिजिटल कोष (रिपोजिटरी) के गठन से राय में जिला कलेक्टर्स की सभी गतिविधियों का एक डेटाबेस बना रहेगा जिसे जब भी आवश्यकता हो अद्यतन किया जा सकता है।