नयी दिल्ली। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी तीसरा टेस्ट हारने के बाद भारी दबाव में आ चुके हैं कि सात अगस्त से मैनचेस्टर में शुरू होने वाले चौथे क्रिकेट टेस्ट में खराब फॉर्म में चल रहे ओपनर शिखर धवन को बरकरार रखें या फिर अनुभवी ओपनर गौतम गंभीर को टीम में वापस बुलायें। टीम प्रबंधन के सामने ओपनिंग को लेकर इस समय यह सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है। इस सीरीज के तीन टेस्टों में अब तक शिखर एक बार भी कामयाब नहीं रहे हैं। उनकी नाकामी का खामियाजा भारत के शीर्ष क्रम को उठाना पड़ा रहा है। टीम इंडिया को सीरीज में अब तक एक बार भी अच्छी शुरुआत नहीं मिली है जिसके चलते भारतीय बल्लेबाजी तीनों ही टेस्टों मे दबाव में रही है। शिखर इस सीरीज के तीन टेस्टों में अब तक 12, 29, 07, 31, 06 और 37 के मामूली स्कोर बना पाये हैं। गत वर्ष मार्च में मोहाली में अपने करियर की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रन ठोककर धमाकेदार शुरुआत करने वाले शिखर उसके बाद 10 टेस्टों में अब तक एक और शतक तथा एक अर्धशतक ही बना पाये हैं। बायें हाथ के इस बल्लेबाज के लगातार फ्लॉप प्रदर्शन के चलते ओपनिंग में गंभीर को वापस बुलाये जाने की मांग बराबर उठ रही है। बायें हाथ के बल्लेबाज गंभीर ने अपने करियर के 54 टेस्टों में आखिरी टेस्ट दिसंबर 2012 में नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। गंभीर इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में शमिल हैं लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में अब तक जगह नहीं मिल पाई है। गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइटराइडर्स ने इस सत्र में आईपीएल सात का खिताब जीता था। गंभीर इंग्लैंड के खिलाफ नौ मैचों में 44.62 के औसत से 714 रन बना चुके हैं जिनमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल है। मैनचेस्टर टेस्ट शुरू होने में 48 घंटे का समय बाकी है और टीम प्रबंधन इस समय माथापच्ची में लगा होगा कि मैनचेस्टर में मुरली विजय के साथ शिखर को बरकरार रखा जाये या गंभीर को वापस बुलाकर एक नई जोड़ी बनाई जाये। नॉटिंघम में ड्रॉ रहे पहले टेस्ट में शिखर और विजय की ओपनिंग जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 33 रन और दूसरी पारी में 49 रन जोड़े। लॉर्डस टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक जीत में इस जोड़ी ने पहली पारी में 11 रन और दूसरी पारी में 40 रन जोड़े। साउथम्प्टन में तीसरे टेस्ट में भारत की पराजय में इस जोड़ी ने पहली पारी में 17 रन और दूसरी पारी में 26 रन जोड़े। तीनों टेस्टों में खराब ओपनिंग में भारत के शीर्ष और मध्यक्रम को लगातार दबाव में रखा। पूर्व दिग्गज मांग कर रहे हैं कि गंभीर को चौथे टेस्ट में मौका मिलना चाहिये। यदि गंभीर को इस दौरे के लिए चुना गया तो उन्हें निश्चित ही चौथे टेस्ट में मौका दिया जाना चाहिये। उन्हें यदि अब मौका नहीं मिलता है तो इस दौरे में उनके चयन का कोई औचित्य नहीं है। भारतीय टीम तीसरा टेस्ट हारकर इस समय भारी दबाव में है और उसे चौथे टेस्ट में यदि वापसी करनी है तो उसके ओपनरों को टीम को अच्छी शुरुआत देनी होगी। वैसे भी शिखर का आत्मविश्वास इस समय बिखरा हुआ है। एक और खराब प्रदर्शन उनके टेस्ट करियर को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि उन्हें एक ब्रेक दिया जाये ताकि वह टेस्ट सीरीज के बाद होने वाली वनडे सीरीज में बेहतर मनोबल के साथ उतर सकें।