पशुपतिनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा एएसआई
नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) नेपाल पुरातत्व विभाग और पशुपति क्षेत्र विकास कोष के साथ मिलकर ऐतिहासिक पशुपतिनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा और इस संबंध में जल्दी ही एक संचालन समिति का गठन किया जायेगा। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को ही नेपाल यात्रा से लौटे हैं जहां उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में रूद्राभिषेक भी किया। नेपाल सरकार ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार का जिम्मा एएसआई को सौंपा था जिसने पिछले साल अपने विशेषज्ञों की टीम काठमांडो भेजकर मंदिर का मुआयना कराया था। एएसआई ने प्रारंभिक रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंपी थी जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। पशुपति क्षेत्र विकास समिति के सचिव गोविंद टंडन ने काठमांडो से बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘नेपाल सरकार के संस्कृति विभाग से हमें सूचना मिली है कि पशुपति परिसर के जीर्णोद्धार के काम को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल गई है। नेपाल सरकार का पुरातत्व विभाग, पशुपति क्षेत्र विकास कोष और भारत का एएसआई मिलकर यह जिम्मा संभालेंगे।’’ टंडन ने कहा, ‘‘इसके लिये संचालन समिति का गठन किया जायेगा और दोनों सरकारें आपस में बात करके आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगी। उम्मीद है कि इस साल काम शुरू हो जायेगा। इस पर करीब 25 करोड़ रूपये खर्च आने की संभावना है।’’ वहीं नेपाल पुरातत्व विभाग के महानिदेशक एस नारायण दहल ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा, ‘‘मोदीजी की नेपाल यात्रा बेहद सफल रही और सारे नेपाली इससे खुश हैं। हम चाहते हैं कि एएसआई हमारे साथ मिलकर मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार का काम करे। हमने करीब चार साल पहले एएसआई से संपर्क किया था जिसकी टीम पिछले साल मंदिर का दौरा भी करके गई थी।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक संचालन समिति के गठन का सुझाव दिया है जिसमें नेपाल और भारत के पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ शामिल हों। इस बारे में फैसला हालांकि दोनों सरकारें लेंगी।’’ इस बारे में एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि ने कहा कि उन्हें इस संबंध में विदेश मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। उन्होंने कहा, ‘‘एएसआई के सारे अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट विदेश मंत्रालय के मार्फत तय होते हैं और हमें पशुपतिनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के मामले में मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। नेपाल सरकार ने पिछले साल एएसआई को इस काम का जिम्मा सौंपा था लेकिन जब तक मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलेगी, हम काम शुरू नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर पशुपतिनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के इच्छुक हैं जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल ऐतिहासिक मंदिर है। इसके लिये हालांकि कोष विदेश मंत्रालय जारी करेगा और उससे हरी झंडी मिले बिना काम शुरू नहीं किया जा सकता।’’ एएसआई टीम ने विदेश मंत्रालय को जमा प्रारंभिक रिपोर्ट में जीर्णोद्धार के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। मणि ने बताया, ‘‘मुख्य मंदिर में अधिक काम नहीं है लेकिन मंदिर प्रांगण में नवीनीकरण के लिये आधुनिक सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसे फिर मूल रूप में लाना है। इसके अलावा जहां कहीं टूट फूट है, उसकी मरम्मत करनी होगी। यह भी नये सिरे से देखना होगा कि उस रिपोर्ट में बताये गए काम में कुछ अतिरिक्त जोड़ना या उसमें से कम तो नहीं करना है।’’