आखिर क्यों खराब हो जाती है किडनी और क्या है इसके बचाव के उपाय
क्रॉनिक किडनी डिजीज किडनी की सबसे बड़ी शत्रु है। कुछ सजगताएं बरतकर इस मर्ज से बचा जा सकता है। आइए जानें क्या है क्रॉनिक किडनी डिजीज का बेहतर और कारगर इलाज
इन दिनों गुर्दे (किडनी) से संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इनका इलाज भी काफी खर्चीला होता है। इसलिए सभी लोगों को प्रयास करना चाहिए कि हम किडनी से संबंधित बीमारियों के होने से पहले ही बचाव पर ध्यान दें।
जानिए किडनी के बारे में
शरीर में दो किडनी होती हैं। एक दाहिनी ओर, एक बायीं ओर। एक किडनी में लगभग दस लाख छलनियां या फिल्टर होते हैं। ये निरंतर हमारे शरीर के खून को साफ करने का काम करते हैं। जब किडनी काम करना बंद कर देती हैं, तब हमारे रक्त में जहरीले पदार्थ जैसे यूरिया और क्रिएटिनिन जमा हो जाते हैं, जो व्यक्ति को बीमार कर देते हैं। जब इनकी मात्रा काफी अधिक हो जाती है, तब रोगी को डायलिसिस की जरूरत पड़ जाती है। किडनी दो तरह से खराब होती है।
एक्यूट किडनी इंजरी– इसमें किडनी तात्कालिक रूप से खराब हो जाती है और बाद में रोगी ठीक हो जाते हैं।
क्रॉनिक किडनी डिजीज- इसमें किडनी धीरे-धीरे खराब होती हैं। यह बीमारी ठीक नहीं होती है या तो इससे बचाव किया जा सकता है या इसकी रफ्तार कम करने के उपाय किए जाते हैं। इस बीमारी में जब गुर्दे पूरी तरह खराब हो जाते हैं, तब किडनी ट्रांसप्लांट या लगातार डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ती है। सवाल यह है कि किडनी को इस क्रॉनिक बीमारी से कैसे बचाएं। इसके लिए हमें इस बीमारी के लिए जिम्मेदार कारणों पर निगाह डालनी पड़ेगी। ये हैं…
- डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
- दर्द की दवाओं का अत्यधिक सेवन
- किडनी में पथरी की बीमारी
- पेशाब में बार-बार इंफेक्शन होना
- पेशाब में रुकावट होना
ऐसे करें बचाव
इन दिनों डायबिटीज की समस्या काफी बढ़ चुकी है। अनियंत्रित डायबिटीज किडनी के खराब होने का प्रमुख कारण है। क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों को ये सावधानियां बरतनी चाहिए …
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करें।
- संतुलित आहार लें। चीनी और मीठी चीजों से परहेज करें। तली हुई वसायुक्त चीजें कम खाएं।
- पेशाब में माइक्रोएल्ब्यूमिन की जांच कराएं।
- अगर ब्लड प्रेशर बढ़ता है या पेशाब में प्रोटीन आता है तो एसीई इनहिबिटर्स या एआरबीएस दवाओं का इस्तेमाल करें।
अगर मरीज को ब्लड प्रेशर की बीमारी है तो निम्नलिखित सावधानियां बरतें…
- ब्लड प्रेशर को 130/80 के आसपास नियंत्रित करें।
- खाने में नमक कम खाएं और वसायुक्त खाना कम लें।
- अगर ब्लड प्रेशर काफी तेजी से कम या ज्यादा होता है तो 24 घंटे ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग कर सकते हैं।
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस- यानी गुर्दे की छलनियों
(फिल्टर्स) में सूजन। यह समस्या भी किडनी खराब होने का एक प्रमुख कारण है। इसमें शरीर में सूजन आ जाती है। पेशाब की मात्रा भी कम हो जाती है। इससे बचने के लिए इन उपायों पर अमल कर सकते हैं…
- संक्रमण से बचें खासकर गले, छाती के संक्रमण से।
- अगर शरीर में सूजन हो तो डॉक्टर से मिलें।
- कई बार इस बीमारी में किडनी की सुई से जांच करनी पड़ती है, जिसे किडनी की बॉयोप्सी भी कहते हैं।
इससे बीमारी के कारण का पता चल जाता है। समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज सही हो सकता है।
पेशाब में बार-बार संक्रमण
इससे किडनी के खराब होने का अंदेशा रहता है। ऐसे संक्रमण पुरुषों में पथरी, सिस्ट आदि कारणों से हो सकते हैं और महिलाओं में इस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से। पेशाब में अगर रुकावट होती है तो किडनी पर दबाव पड़ता है। इससे भी किडनी खराब हो सकती है। पेशाब में रुकावट के कई कारण हो सकते हैं…
- बच्चों में जन्म से रुकावट जैसे पोस्टीरियर यूरीथ्रल वाल्व और पी. यू. आब्सट्रक्शन आदि।
- अगर कोई बच्चा पेशाब करने में रोता है तो रुकावट हो सकती है।
- वयस्कों में पथरी, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढऩा व प्रोस्टेट कैंसर आदि।
- अगर किसी मरीज को पेशाब में जोर लगाना पड़ता हो तो रुकावट हो सकती है। इसकी जांच करानी चाहिए।
- अगर पेशाब में खून आता है तो यह लक्षण पथरी या कैंसर की गांठ के कारण हो सकता है ।
जीवन शैली में परिवर्तन
सकारात्मक परिवर्तन से हम क्रॉनिक किडनी डिजीज से बच सकते हैं। खाने में फलों-सब्जियों को वरीयता दें। नियमित व्यायाम करें। तनाव को हावी न होने दें और…
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। अगर किडनी की बीमारी है तो पानी डॉक्टर की सलाह से पीना चाहिए।
- ज्यादा वसायुक्त और प्रोटीनयुक्त भोजन न करें।
- डायबिटिज और हाई ब्लड प्रेशर किडनी के खराब होने के प्रमुख कारण हैं। इनको नियंत्रित करने में सुबह की सैर लाभदायक होती है ।
- अगर आपकी उम्र 50-60 से अधिक है तो आपको डॉक्टर के परामर्श से दवा लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि 30 साल के बाद किडनी की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है, यह प्राकृतिक नियम है।
पथरी से करें बचाव
किडनी में पथरी (स्टोन) का बनना भी किडनी को खराब कर सकता है। इसके लिए हमें निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए…
- पानी का ज्यादा सेवन करें।
- खाने में परहेज करें। जैसे पालक, टमाटर, बैंगन और खीरा आदि का कम सेवन करें, लेकिन नारियल पानी फायदा करता है।
- अगर पथरी हो जाए तो उसका इलाज कराना चाहिए।
पेन किलर्स के इस्तेमाल से बचें
दर्द की दवाओं (पेनकिलर्स) का अनावश्यक प्रयोग न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनका प्रयोग किडनी को खराब कर सकता है। इनका प्रयोग डॉक्टर की सलाह से करें। गुर्दे के मरीजों के लिए ट्रामाडोल या पैरासीटामोल का इस्तेमाल किया जा सकता है।