कांग्रेस-एनसीपी मिलकर लड़ेंगी महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में टूट की कगार पर पहुंची एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को बुधवार को उस वक्त संजीवनी मिली जब शरद पवार ने यह ऐलान किया कि दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगी। सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे ताकि चौथी बार सत्ता में वापसी कर सके। कांग्रेस और एनसीपी का 1999 से महाराष्ट्र में गठबंधन हैं। पवार ने यह फैसला तब लिया है जब एनसीपी के कई नेता अकेले चुनाव लड़ने की वकालत कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस की पराजय के मद्देनजर एनसीपी के कई प्रदेश नेता मांग कर रहे थे कि दोनों पार्टियां 50-50 के आधार पर 228 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। अजित पवार अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष मेंरू पार्टी प्रमुख शरद पवार ने जहां कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कहीं, वहीं बीते शनिवार को एनसीपी की बैठक में अजित पवार अकेले चुनाव लड़ने की बात अड़े थे। सूत्रों के अनुसार, अजित ने राज्यव्यापी दौरे का हवाला देते हुए कहा कि जहां भी उन्होंने मीटिंग की है, वहां के ज्यादातर कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने अकेले चुनाव लड़ने की मांग की। इस लिए हमें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। क्यों किया साथ लड़ने का फैसलारू सूत्रों की माने तो पवार ने सरकार के विकास कार्य का हवाल देते हुए कहा कि दोनों के अलग-अलग चुनाव लड़ने से दोनों ही दलों को नुकसान होगा। इसलिए साथ चुनाव लड़ना ही सही है।