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जाट आंदोलनः आज मनाया जा रहा बलदान दिवस, ट्रैक और हाइवे पर कड़ी चौकसी

21 दिन से धरने पर बैठे जाट आज जसिया में बलिदान दिवस मना रहे हैं। इसके चलते रेल ट्रैक और नेशनल हाइवे अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिए गए हैं। कड़ी चौकसी है, चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया है। सभी जिलों में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त करने के साथ ही सोनीपत और चरखीदादरी में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई। कई जिलों में रविवार को भी सरकार और अर्धसरकारी कार्यालय खुले रहेंगे।
सरकार ने भी आंदोलनकारियों को 20 फरवरी को पानीपत में दूसरे दौर की वार्ता का न्योता दिया है। लेकिन समिति जसिया में अपनी रणनीति का खुलासा करेगी और इसके बाद वार्ता का मसौदा तैयार किया जाएगा। सरकार हालात से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध के दावे कर रही है। सभी जिलों में हाईवे, रेल ट्रैक और रेलवे स्टेशनों सहित तमाम सार्वजनिक स्थलों पर विशेष चौकसी के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा इंतजाम के तहत प्रदेश में सुरक्षा बलों की 37 कंपनियां तैनात की गई हैं। दूसरी तरफ अधिकारी और नेता किसी भी सूरत में माहौल खराब न हो, इसे लेकर रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मो. अकील ने बताया कि बलिदान दिवस के मद्देनजर सुरक्षा की सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। उम्मीद है माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा।

इसके लिए संगठनों ने पहले ही आश्वासन दिया है। हाईवे पर सफर करने वालों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। रेलवे स्टेशन, हाईवे और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा में भी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा चुकी है।

भ्रामक संदेश देने वालों पर होगी कार्रवाई

एडीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये गलत और भ्रामक संदेश फैलाने वालों पर पैनी नजर है। किसी भी संदेश से माहौल बिगड़ता है, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई होगी। इसी के मद्देनजर सोनीपत और चरखीदादरी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई हैं।

जाम से बचने के लिए बदले जा सकते हैं रूट

हाईवे पर जाम की आशंका के बारे में एडीजीपी ने बताया कि नेशनल हाईवे पर ऐसे कुछ प्वाइंट्स पर अधिक लोग पहुंच सकते हैं। ऐसे में ट्रैफिक जाम से बचने के लिए रूट भी बदले जा सकते हैं। कुछ प्वाइंट्स की पहचान करने सहित सभी धरनास्थलों के पास ट्रैफिक सामान्य बनाए रखने और सुरक्षा के लिहाज से शहरों में नाकाबंदी भी की गई है।

पिछले आंदोलन में घायलों को मुआवजे का मरहम
हरियाणा सरकार ने 19 फरवरी को नए सिरे से आंदोलन की तैयारी कर रहे जाटों को मुआवजे के सहारे साधने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निर्णय लिया है कि पिछले वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान घायल हुए लोगों को मुआवजा जारी किया जाए। इसके तहत फायरिंग में घायल लोगों को एक लाख रुपये की अदायगी की जाएगी। गोली की चोट के बिना घायल व्यक्ति को 50,000 रुपये और मामूली चोट वालों को 25,000 रुपये मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की घोषणा कर यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि सरकार जाटों के साथ है।

पानीपत में होगी दूसरे दौर की वार्ता, मलिक के तेवर सख्त

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने बताया कि जाट आरक्षण से संबंधित मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी और जाट नेताओं के बीच दूसरे दौर की वार्ता पानीपत में 20 फरवरी को होगी। सरकार पीड़ितों को सहयोग देना चाहती है। बातचीत के जरिये ही हल निकाला जा सकता है और सरकार इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है।

वहीं जाट नेता यशपाल मलिक ने दो टूक कहा है कि 19 फरवरी के बाद ही सरकार से आगे की बातचीत की जाएगी। सरकार की यह सोच है कि किसी तरह से यह दिवस शांतिपूर्वक निपटे। उसके बाद अगले दौर की बातचीत की जाए। दूसरी ओर आंदोलन में जुड़े रामपाल समर्थकों ने सरकार के सामने एक और समस्या खड़ी कर दी है। रामपाल समर्थकों का धरना स्थल पर पहुंचना शांत हो चुके रामपाल को ऑक्सीजन देने का काम साबित हो रहा है।

वार्ता करेंगे लेकिन मांग पूरी होने के बाद ही धरने से हटेंगे

अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि वे कमेटी के साथ 20 फरवरी को तय वार्ता में शामिल होंगे। लेकिन जब तक सभी मांग पूरी नहीं कर दी जाती, धरने से नहीं हटेंगे। पहले भी सरकार की ओर से कई बार मांगें मान लिए जाने की बात कही गई, लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।

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