देहरादून(ईएमएस)। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, दून विश्वविद्यालय में मेक इन इंडिया सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य विषय पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रो. एचके सिंह कहा कि आज देश के युवाओं को रोजगार सृजन की दिशा में कई विकल्प उपलब्ध हैं।
देश ने आजादी के बाद से विभिन्न चरणों में औद्यौगिक विकास एवं आर्थिक विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की, जिसके तहत पचास के दशक में पंचवर्षी योजनाओं का गठन और साठ के दशक में कृषि को बढ़ावा देने के लिये हरित क्रांति तथा नब्बे के दशक में निजीकरण, भू-मण्डलीकरण जैसे सुधारवादी कदम उठाये गये, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। वर्तमान परिदृश्य में प्रस्तावित वस्तु व सेवाकर (जीएसटी), मुद्रा बैंक, स्टार्टअप, स्टैंड अप आदि मेक इन इंडिया अभियान को प्रोत्साहित करने में मददगार साबित होंगे।
उन्होंने मेक इन इंडिया अभियान पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिये इंडियन मैनेजमेंट सविर्सेज (आईएमएस) राष्ट्रीय स्तर पर अन्य प्रशासनिक सेवाओं की तर्ज पर शुरू करना समय की आवश्यकता है और यदि इस अभियान को समुचित प्रबन्धन के साथ लागू नहीं किया गया तो यह अभियान कुप्रबन्धन का शिकार भी हो सकता है।
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो. एचसी पुरोहित प्रो. सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के कार्यक्रम सतत आयोजित करता रहता है। उन्होंने विस्तार से विभाग की प्रगति यात्रा का वर्णन किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रीना सिंह और कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष सिन्हा ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुधाशु जोशी, डॉ. वैशाली, डॉ. स्मिता त्रिपाठी सहित संकाय के शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।