ज्ञान भंडार
लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ी,CBI की याचिका पर 28 फरवरी से SC में होगी सुनवायी
पटना. चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्रा की परेशानी बढ़ गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी से इस मामले की सुनवायी करेगी। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को एक सप्ताह में निपटा दिया जायेगा। कोर्ट ने जगन्नाथ मिश्रा को लगया था फटकार…
– चारा घोटाले से जुड़े चार लंबित मामलों को झारखंड हाई कोर्ट से खारिज कर दिया था।
– सीबीआई ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली एक अपील किया था।
– सीबीआई की अपील को लंबा खींचने और इसमें विलंब करने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मिश्रा को फटकार भी लगयी थी।
-न्यायमूर्ति जे एस खेहड, न्यायमूर्ति ए के मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मिश्रा की ओर से अपनाई गई तरकीबों की निंदा किया था।
– कोर्ट मिश्रा के व्यवहार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
-कोर्ट ने इसे अदालत से छल करने के समान भी करार दिया था।
– कोर्ट ने मिश्रा को कहा था कि हम आपके आचरण की निंदा करता हूं।
– आप जानबूझकर कार्यवाही में देरी कर रहे हैं।
– यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
– यह अदालत के साथ छल करने जैसा है।
– सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 2014 फैसले को चुनौती दी है।
– इस फैसले में अदालत ने मिश्रा के खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से संबंधित मामलों को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि एक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति पर समान मामलों में समान गवाहों और सबूतों के आधार पर और मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
– सीबीआई ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली एक अपील किया था।
– सीबीआई की अपील को लंबा खींचने और इसमें विलंब करने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मिश्रा को फटकार भी लगयी थी।
-न्यायमूर्ति जे एस खेहड, न्यायमूर्ति ए के मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मिश्रा की ओर से अपनाई गई तरकीबों की निंदा किया था।
– कोर्ट मिश्रा के व्यवहार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
-कोर्ट ने इसे अदालत से छल करने के समान भी करार दिया था।
– कोर्ट ने मिश्रा को कहा था कि हम आपके आचरण की निंदा करता हूं।
– आप जानबूझकर कार्यवाही में देरी कर रहे हैं।
– यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
– यह अदालत के साथ छल करने जैसा है।
– सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 2014 फैसले को चुनौती दी है।
– इस फैसले में अदालत ने मिश्रा के खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से संबंधित मामलों को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि एक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति पर समान मामलों में समान गवाहों और सबूतों के आधार पर और मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
– आप जानबूझकर कार्यवाही में देरी कर रहे हैं।
– यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
– यह अदालत के साथ छल करने जैसा है।
– सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 2014 फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
– यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
– यह अदालत के साथ छल करने जैसा है।
– सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 2014 फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।