उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश यादव की समाजवादी पेंशन योजना को बताया सुंदर

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई समाजवादी पेंशन योजना को ‘सुंदर’ बताते हुए चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर, जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने कहा कि यह योजना गरीबों के लिए है और यह एक सुंदर योजना है। शीर्ष अदालत इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को चुनौती देने वाली याचिका को विचार योग्य नहीं पाया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस योजना में अल्पसंख्यकों के लिए 25 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है, जिसकी संविधान के तहत अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि अखिलेश यादव सरकार ने साल 2014 में इस योजना की शुरुआत की थी। 07 फरवरी 2014 को राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने सभी कमिश्नर और जिलाधिकारियों को शासकीय पत्र के माध्यम से बताया था, समाजवादी पेंशन योजना के माध्यम से प्रदेश के चिन्हित गरीब परिवारों के आर्थिक और सामाजिक उन्नयन के लिए यह योजना प्रारंभ की जा रही है।’ योजना में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए 30 फीसदी, अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 25 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 45 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।

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