उत्तर प्रदेश

आर्यकुल कालेज में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

पदम्श्री. नित्या आनंद ने औषधि विज्ञान और फाइनल प्रोडक्ट की जानकारी दी
लखनऊ। बिजनौर-नटकुर स्थित आर्यकुल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च में रविवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। औषधि विज्ञान द्वारा सुरक्षित इलाज के आधुनिक प्रचलन रीसेंट ट्रेंड्स फॉर सेफ मेडिकेशन थ्रू फार्मास्यूटिकल पर आधारित इस सेमिनार में विभिन्न विशेषज्ञों  द्वारा सम्बंधित विषयो पर प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व निदेशक सी.एस.आई.आर, सी.डी. आर.आई  पदम् श्री डॉ. नित्या आनंद, सम्मानीय अतिथि के तौर  पूर्व प्रिसिपल आई.आई.एस.आर के डॉ. राजपाल सिंह पर मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर कॉलेज के चेयरमैन के.जी सिंह, निदेशक – सशक्त सिंह व प्रो०. दुर्गेशमणि त्रिपाठी (प्रिंसिपल-आर्यकुल कॉलेज) भी उपस्थित रहे। सेमिनार की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप करके की गई । पदम् श्री. नित्या आनंद ने औषधि विज्ञान के संबंध और फाइनल प्रोडक्ट को उपयोग करने की जानकारी दी और छात्रों को निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।


इस एक-दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में सभी वरिष्ठ वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर अपने वक्तव्य रखे। डॉ. अनुराग त्रिपाठी ने न केवल ड्रग पर छात्रों को जानकारी दी बल्कि डायबिटीज एवं पेन मैनेजमेंट की भी तमाम बारीकियां बताई व ओरल कैंसर के बारे में भी तमाम जानकारियां दी। प्रमुख वक्ताओं में डॉ.ए.के रावत – हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट) एन.बी.आर.आई, डॉ. बिश्वजीत मैटी- सी.डी.आर.आई, डॉ. अनुराग त्रिपाठी (केजीएमयू), श्री फरात अली, डॉ. परमेश दिवेदी , डॉ पीके त्रिपाठी) डायरेक्टर (रामेश्वरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट), श्री शांतनु बनर्जी (एस.आर.एल.टी)  डॉ. राजीव जौहरी(डीन-आर्यकुल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च) ने फार्मेसी छात्रों के प्रश्नों के उत्तर देकर अनुभवों को साझा किया । प्रो दुर्गेशमणि त्रिपाठी ने सभी मुख्य अतिथियों  को धन्यवाद के साथ छात्रों को आगे बढ़ने के सूत्र बताये। फार्मेसी छात्रों के विकास के सम्बन्ध में एक्सेलेंट कम्यूनिकेशन स्किल्स, सकारात्मक दृष्टिकोण और लचीलापन की कला सीखने को बहुत ज़रूरी बताया । आर्यकुल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च के सभी फार्मेसी के छात्रों के अलावा शहर के विभिन्न फार्मेसी कॉलेज से फार्मेसी के छात्रों ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया और ज्ञान अर्जन किया ।

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