मानहानि मामला: जब कठघरे में खड़े जेटली से राम जेठमलानी ने पूछे 52 सवाल
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को हाईकोर्ट में कहा कि ‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा। मानहानि के मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने यह बात कही। जेटली ने कहा है कि ‘मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजेंद्र कुमार के दफ्तर में सीबीआई की छापेमारी के तत्काल बाद केजरीवाल व आप के अन्य नेताओं ने उनके खिलाफ लगातार बेबुनियाद बयान दिया था, जिससे उनका कोई लेना देना नहीं था। जेटली ने कहा कि ऐसा लगाता है कि प्रतिवादियों (केजरीवाल व अन्य) ने प्रधान सचिव के दफ्तार में छापेमारी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उनके खिलाफ बयान दिया। जेटली ने यह जवाब तब दिया जब केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उनसे कहा कि दिसंबर, 2015 में मुख्यमंत्री के प्रधान तत्कालीन सचिव के दफ्तर में इसलिए छापेमारी हुई थी क्योंकि डीडीसीए में वित्तीय अनियमितता की जांच से जुड़े दस्तावेज उसी दफ्तर में था।
सवाल- आपने कैसे तय किया कि आपकी जो मानहानि हुई है, उसकी आर्थिक रूप से भरपाई की जा सकती है और ये मानहानि 10 करोड़ की है?
जेटली का जवाब- मेरी मानहानि की क्षतिपूर्ति पैसे के आधार पर मुश्किल है। बहरहाल परिवार, दोस्तों या समाज के बीच जो मेरा महत्व या साख है, उस आधार पर 10 करोड़ का दावा किया है।
सवाल- राजेंद्र कुमार के दफ्तर में छापेमारी की जानकारी आपको थी?
जेटली का जवाब- छापेमारी की जानकारी नहीं थी और इस बारे में मीडिया से पता चला।
सवाल- क्या आपको पता था कि डीडीसीए से जुड़े दस्तावेज दफ्तर में थे?
जेटली का जवाब- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
सवाल- क्या आपने डीडीसीए की जांच की रिपोर्ट पढ़ी है?
जेटली का जवाब- हां मैने रिपोर्ट पढ़ी है।
सवाल- ये रिपोर्ट आपको किसने दी थी?
जेटली का जवाब- मुझे ध्यान नहीं कि ये रिपोर्ट किसने दी थी।
सवाल- याद कीजिए ये रिपोर्ट आपको सांघी ने दी है? आपको बता दें कि सांघी ब्यूरोक्रेट है है और इनकी अगुवाई में ही डीडीसीए की रिपोर्ट तैयार की गई थी।
जेटली का जवाब- मुझे नहीं पता।
सवाल- ये जांच रिपोर्ट आने के बाद आपकी सांघी से दोस्ती हो गई थी।
जेटली का जवाब- मैं सांघी से नहीं मिला हूं।
दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित वित्तिय अनियिमतता में अपना नाम घसीटे जाने के बाद दिसंबर, 2015 में भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली ने केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का फौजदारी और दीवान मुकदमा दाखिल किया है। हाईकोर्ट में दाखिल दीवानी में मामले में उन्होंने केजरीवाल व अन्य से 10 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की मांग की है। करीब तीन घंटे हुई जिरह के दौरान जेठमलानी ने जेटली से कुल 52 सवाल पूछे। इस दौरान काफी नौकझौंक भी हुई। इनमें से हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार अमित कुमार को 30 सवाल मामले में जुड़े लगे। जेटली से मंगलवार को भी केजरीवाल के वकील जिरह करेंगे।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जेटली साल 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे। इस पद पर वह 13 साल तक संभाला था। इन आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया। इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है।