अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी ठिकानों को उड़ाना चाहता है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया ने जापान में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चार मिसाइलों का प्रशिक्षण किया। नेता किम जोंग एनिन की देख-रेख में इसे अंजाम दिया गया। यह प्योंगयांग के राज्य मीडिया ने इस बात का दावा किया है। बता दें कि उत्तर कोरिया ने सोमवार को दुनिया की सभी चेतावनियों को दरकिनार करते हुए जापानी समुद्र में परमाणु सुसज्जित चार बैलेस्टिक मिसाइलें दागी। 
दक्षिण कोरिया ने इस आक्रामक कार्रवाई के बाद आपात बैठक बुलाई और कहा कि उत्तर कोरिया ने डोंगचांग री-लोंग मिसाइल स्थल के पास से चार प्रोजेक्टाइल दागे हैं। उधर, जापान ने भी दावा किया है कि इनमें से तीन मिसाइलें उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं। इस बीच जापान के विश्लेषकों ने कहा है कि इन मिसाइलों का छोड़ना उत्तर कोरिया की युद्ध रणनीति के परीक्षण का हिस्सा हो सकता है।

दक्षिण कोरिया हुआ अलर्ट 

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन मिसाइलों की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर के आसपास है। सियोल ने कहा है कि उत्तर कोरिया की तरफ से किसी भी भड़काऊ कार्रवाई को देखते हुए वह सैन्य कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तत्पर है। दक्षिण कोरिया के जाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा है कि फिलहाल हम मिसाइलों का अध्ययन कर रहे हैं कि वह किस प्रकार की थीं। मिसाइल परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति हुआन क्यो आन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बलाई और कहा कि – ‘हमारी सेना उत्तर कोरिया पर हर तरह से नजर रखे हुए है।’
 
उ. कोरिया द्वारा दागी गई चार मिसाइलों में से तीन जापान के पूर्वी सागर इलाके के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं, जिससे जापान में भी हड़कंप है। जापान के पीएम शिंजो अबे ने इसकी पुष्टि की। जापान इस कार्रवाई को पड़ोसी देशों के साथ युद्ध रणनीति के परीक्षण के तौर पर देख रहा है। जापानी विश्लेषक और सुरक्षा कार्यक्रम के निदेशक नरुशिगे मिचिशिता ने कहा कि – ‘एक साथ इतनी मिसाइलों का दागना बताता है कि यह एक परिपूर्ण हमला था, जो जापान को उकसाने के लिए किया गया है।’ जापान की नौसेना ने नेविगेशन चेतावनी जारी करते हुए वायुसेना को भी अलर्ट कर दिया है।

सहयोगी चीन भी उत्तर कोरिया से नाराज

उत्तर कोरिया पर परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के कारण कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी उस पर बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के हर तरह के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। उधर, उत्तर कोरिया का निकटतम सहयोगी चीन भी परमाणु महत्वाकांक्षा पर उससे नाराज है। उसने गत माह घोषणा की थी कि वह साल के अंत तक उत्तर कोरिया से आयात होने वाला कोयला समझौता रद कर देगा। 

अमेरिका-द. कोरिया के संयुक्त सैन्य  युद्धाभ्यास से नाराज है उत्तर कोरिया

अमेरिका और सियोल ने पिछले सप्ताह वार्षिक संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास शुरू किया था जिससे नाराज होकर उत्तर कोरिया ने इसे भड़काऊ कदम माना था। इससे पहले उत्तर कोरियाई के नेता किम जोंग उन के अपने सैनिकों को शत्रु बलों के खिलाफ एक ‘जबरदस्त हमला’ करने के लिए तैयार रहने के आदेश भी दिया था लेकिन इस बीच दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने 1 मार्च को अपना वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। पिछले साल भी इन दोनों देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास के समय उत्तरी कोरिया ने मिसाइलें दागी थीं।

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