स्वास्थ्य

सावधान! पेट संबंधी दवाओं से जीवाणु इंफेक्शन बढ़ने का खतरा

न्यूयॉर्क (एजेंसी)। पेट संबंधी दवाओं (गैस्ट्रिक मेडिसिन) का इस्तेमाल करने वालों में बैक्टीपरियल इंफेक्शन की आशंका ज्यादा होती है और यह लगातार दस्त, बड़ी आंत में इंफेक्शन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह बात एक शोध में सामने आई है। शोधकर्ताओं में एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी शामिल हैं।

क्लोस्ट्रिडियम डिफिसिले कोलाइटिस (सी-डिफ) के इंफेक्शन से बड़ी आंत में हेल्दी बैक्टीरिया घटने लगते हैं। यह अक्सर एंटीबायोटिक्स के परिणामस्वरूप होता है। निष्कर्षो से पता चलता है कि सी-डिफ वाले मरीजों में पेट में गैस बनने को रोकने के लिए दी जाने वाली दवाओं से सी-डिफ का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका के गैर लाभकारी मायो क्लिनिक के गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट साहिल खन्ना ने कहा, ”शोध में पाया गया कि पेट में गैस बनने से रोकने की दवाओं से मरीजों में सी-डिफ के मामलों का खतरा बढ़ जाता है।” इसमें शोध दल ने 7,703 मरीजों के सी-डिफ के 16 शोधों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पेट में गैस बनने से रोकने वाली दवाओं का विश्लेषण किया। इसमें ओपेराजोल, हिस्टामाइटन 2 रानिटिडाइन जैसे दवाएं आम तौर पर दी जाती है।

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