पुलिसिया लापरवाही से कानपुर में भड़का दंगा
चोरी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने पर एक समुदाय के लोगों ने आरोपियों को दी गई यातनाएं
कानपुर। घाटमपुर थाना क्षेत्र के भीतरगांव कस्बे में पुलिस की घोर लापरवाही के चलते भीषण सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा है। इलाकाई लोगों का आरोप है कि पुलिस ने पहले तो चोरी की वारदात की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। इस पर चोरी के शिकार लोगों ने कानून अपने हाथ में ले लिया और चोरी के आरोपियों को अगवा करके जमकर मारा-पीटा और यातनाएं दे डालीं। तब कथित चोरों के परिजनों ने बवाल काट दिया। तब भी पुलिस ने आरोपी युवाओं को अगवा करने वालों के चंगुल से छुड़वाने के बजाए वहां जाकर पीट डाला। पुलिस के इस विचित्र और कथित अन्यायपूर्ण व्यवहार पर पूरे कस्बे में आक्रोश व्याप्त हो गया। पब्लिक संडे की सुबह-सुबह सड़कों पर निकल पड़ी और चोरी के आरोपियों को अगवा करने वालों के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया। मौके पर पहुंची इलाकाई पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया। खबर है कि आक्रोशित हमलावर भीड़ पर नियंत्रण के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें कई लोग घायल हो गए। वहीं पब्लिक के गुस्से के शिकार हुए पुलिस कर्मियों को पथराव और फायरिंग के बीच काफी चोटें आईं हैं। मौके पर जिले के सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पहुंच गए। खबर लिखे जाने तक भीतरगांव कस्बे के हालात नियंत्रण में है, लेकिन स्थिति बेहतद तनावपूर्ण बनी हुई है।
दरअसल घाटमपुर स्थित कस्बा भीतरगांव में तीन दिन रमजान के घर में चोरी हो गई। उसने घटना की सूचना चौकी पर दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। फिर दूसरे ही दिन रमजान के घर के पास रहने वाले भूरे घोसी के घर भी चोरी हो गई। वो भी पुलिस के पास पहुंचा। इन दोनों ने ही कस्बा निवासी गुड्डू तिवारी और गुड्डू पासी नाम के युवकों पर अपने-अपने घरों में चोरी करने का आरोप लगाया। दोनों चोरियों की शिकायत के बावजूद पुलिस ने न तो आरोपी युवकों को पकड़ा और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की। बताया गया कि पुलिस के इस बर्ताव से क्षुब्ध होकर भूरे और रमजान ने शनिवार की दोपहर आरोपी युवकों गुड्डू तिवारी और गुड्डूू पासी को अगवा कर लिया और अपने घर में बंद करके जमकर पीटा। युवकों के परिजनों का आरोप है कि भूरे और रमजान ने उनके शरीर पर कीलें घोंप कर यातनाएं दी। परिजन बचाने गए तो उनको पीटकर भगा दिया। पुलिस से गुहार लगाई तो पुलिस ने भूरे और रमजान के चंगुल से छुड़ाने के बजाए, दोनों आरोपी युवकों को वहीं जाकर पीट दिया। देर रात हुई इस घटना की खबर कस्बे में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। फिर क्या था, पूरे कस्बे के एक समुदाय में पुलिस के लापरवाह रवैये पर आक्रोश व्याप्त हो गया। सुबह होते-होते इलाके में रमजान और भूरे के घर के आसपास एक समुदाय के सैकड़ों लोगों का हुजूम आ गया। इस बीच अगवा युवकों की मौत की अफवाह फैल गई। इस पर भड़की भीड़ ने दोनों युवकों को अगवा करने वालों के घर पर हमला बोल दिया। देखते-देखते आक्रोश दंगे में बदल गया। इस दौरान भूरे और रमजानी के घरों सहित क्षेत्र के निवासी एजाज बेट्री वाले, उस्मान, डिप्टी आदि लोगों की दुकानों समेत समुदाय विशेष के प्रतिष्ठानों को भी आग के हवाले कर दिया। हमलावर हुजूम देख ये लोग जान बचाकर भागे।