नई दिल्ली। उम्मीद है कि भारत को जल्द ही NSG की सदस्यता मिल जाएगी। जर्मनी ने भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। जर्मनी के पॉलिटिकल सोर्स के हवाले से खबर है कि NSG एडवायजरी ग्रुप की बैठक में भारत की सदस्यता को लेकर चर्चा हुई जिसमें जर्मनी ने भारत का समर्थन किया है।
NSG में कुल 48 सदस्य देश हैं
ओबामा के जाने के बाद ट्रंप प्रशासन ने भी भारत की NSG सदस्यता का समर्थन किया है। लेकिन अभी तक चीन इसके खिलाफ है। NSG में 48 सदस्य देश हैं। सभी सदस्य देशों से मंजूरी के बाद ही भारत को NSG की सदस्यता मिल सकती है। कुछ देशों को छोड़कर ज्यादातर देश भारत का समर्थन कर रहे हैं।
चीन NPT का मुद्दा उठाकर किया NSG मेंबरशिप का विरोध
चीन का कहना है कि भारत ने NPT पर साइन नहीं किया है इसलिए भारत को NSG की सदस्यता नहीं मिल सकती है। अगर भारत को NSG की सदस्यता मिल सकती है तो फिर पाकिस्तान को भी NSG की सदस्यता मिले। जर्मनी के विदेश मंत्री मार्कस एडरर ने भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देश के रिश्तों को और मजबूत करने की जरूरत बताया।
इस साल दो बार जर्मनी का दौरा करेंगे पीएम मोदी
बता दें जर्मनी और भारत दोनों एक दूसरे के लिए अहम है। इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी इस साल दो बार जर्मनी का दौरा करेंगे। पहली बार वे पीएम मोदी मई महीने में जर्मनी के दौरे पर होंगे। मई महीने में बर्लिन में इंटर गवर्नमेंटल कमिशन की बैठक होगी। इस साल G-20 समिट भी जर्मनी में आयोजित है। पीएम मोदी उस समिट का भी हिस्सा होंगे। जर्मनी की विदेश नीति पहली बार हिंद महासागर में शांति और स्थायित्व को लेकर अपनी पॉलिसी पर काम कर रहा है।