नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का प्रचार-प्रसार होना चाहिए: ब्रजेश पाठक
सी.एम.एस. में अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का तीसरा दिन
दर्शील सफारी, प्रभजोत सिंह, अवनीत कौर, अपूर्व मित्रा, सुमित अरोड़ा एवं शाफाक नाज ने बढ़ाई रौनक
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे नवें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2017) का तीसरा दिन लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों से पधारे लगभग 12,000 छात्रों की गहमा-गहमी व चहल-पहल से परिपूर्ण रहा एवं सभी ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का खूब आनन्द उठाया। इससे पहले आई.सी.एफ.एफ.-2017 के तीसरे दिन का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, मंत्री, कानून एवं न्याय, अतिरिक्त ऊर्जा संसाधन एवं राजनीतिक पेंशन, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर किया जबकि दूसरी ओर बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु पधारे बाल कलाकार दर्शील सफारी (तारे जमीं पर), प्रभजोत सिंह (उड़ता पंजाब), अवनीत कौर एवं अपूर्व मित्रा (फ्रेश फेस प्रतियोगिता के विजेता) एवं वरिष्ठ कलाकारों में टी.वी. सीरियल चिड़ियाघर के कलाकार सुमित अरोड़ा एवं शाफाक नाज ने समारोह की भव्यता में चार-चाँद लगा दिये। टी.वी. एवं फिल्म जगत की इन लोकप्रिय हस्तियों से मिलने, उनसे बातचीत करने व हाथ मिलाने के लिए छात्रों में होड़ लगी रही। विदित हो कि नौ-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव का आयोजन सी.एम.एस. द्वारा विद्यालय के कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें 102 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, मंत्री, उ.प्र. ने कहा कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार होना चाहिए। ऐसे आदर्श आयोजनों की समाज को बहुत आवश्यकता है क्योंकि इससे समाजिक व्यवस्था के उत्तरोत्तर विकास को गति मिलती है। श्री पाठक ने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में दिखाई जा रही शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायी फिल्में युवा पीढ़ी के नैतिक एवं चारित्रिक गुणों को बढ़ाने और एक अच्छा नागरिक बनाने में निःसंदेह उपयोगी साबित होंगी।
‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत हजारों बच्चों ने आज ‘गोइंग टू हीवेन, काइट, रोबोट हर्ट, एन्जल स्टार, यू विल बी एबल, फाइण्डिंग होम, ए लिटिल ज्वाय, ड्रैगल टेल्स, गो गो डैडी, हैप्पीनेस, एक था भुजंग, द सीक्रेट हैण्डशेक, व्हाट ए पीसफुल डे, हम चित्र बनाते हैं, इडियट, घर किसका है, ए टीचर्स लेसन आदि अनेकों मनोरंजन से भरपूर उत्कृष्ट फिल्मों का आनन्द उठाया। फिल्म देखने के बाद अधिकांश छात्रों की प्रतिक्रिया थी कि विद्यालय में नैतिक शिक्षा के पीरियड को तो हम हंसी में उड़ा देते हैं लेकिन इस प्रकार मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है। एक अन्य छात्र ने कहा कि यह अनुभव लम्बी परीक्षाओं के बाद तफरी का सबसे अच्छा मौका लगा। ऐसे शिक्षात्मक मनोरंजन के लिए अभिभावकों को भी कोई एतराज नहीं हो सकता तभी तो उनके मम्मी-पापा भी उनके साथ फिल्म देखने आये हैं। कुछ ऐसे ही विचार अन्य बच्चों के भी रहे जिन्होंने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल अत्यन्त मनोरंजक व शिक्षाप्रद है। फिल्म से उन्होंने सीखा कि हमें प्रकृति व सभी जीव-जंतुओ से प्यार करना चाहिए।
इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि बाल फिल्मों का यह महोत्सव सिर्फ लखनऊ के ही नहीं अपितु प्रदेश व देश के बच्चों को भी नैतिकता व चारित्रिक उत्थान का पाठ पढ़ा रहा है। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। बच्चों के लिए तालीम और अच्छी तालीम बहुत जरूरी है, यही बच्चे आगे चलकर हमारे लीडर बनेंगे, ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिये जाएं। छोटी-छोटी बातें भी बच्चों के दिमाग पर बहुत असर डालती हैं और निश्चित ही शिक्षात्मक बाल फिल्मों का यह महोत्सव बच्चों की मानसिकता को अच्छे अच्छे विचारों से लबालब करेगा। प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री वर्गीस कुरियन ने कहा कि यदि हमें भावी पीढ़ी के लिए सभ्य व खुशहाल समाज का निर्माण करना है तो फिल्म व अन्य दृश्य श्रव्य माध्यमों द्वारा जीवन मूल्यों से लबालब संदेश भावी पीढ़ी तक पहुचाना ही होगा। इस फिल्म महोत्सव के अत्यन्त सफल आयोजन से सी.एम.एस. ने यह सिद्ध कर दिया है कि फिल्में भी बड़े पैमाने पर भावी पीढ़ी की मानसिकता को बदलने की क्षमता रखती हैं। श्री कुरियन ने बताया कि आई.सी.एफ.एफ.-2017 के चौथे दिन के उद्घाटन कल 8 अप्रैल, शनिवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। इस अवसर पर बाल कलाकार अवनीत कौर व रिया शुक्ला (नील बटे सन्नाटा) एवं वरिष्ठ कलाकार अन्नू कपूर बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु उपस्थित रहेंगे।