सामाजिक न्याय और समानता के लिए अंबेडकर का अनुसरण करें: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी)। संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 126 जयंती के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सदस्य देशों से सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए लड़ाई में उनके आदर्शो का अनुसरण करने की अपील की है। साथ ही उनसे सामाजिक और आर्थिक समावेश के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा अंबेडकर की 126वीं जयंती पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि ‘यह उपयुक्त होगा कि हम ना केवल महिलाओं के लिए बल्कि सभी लोगों के लिए सशक्तीकरण और समावेशन का प्रचार करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के बारे में बात करके सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत का सम्मान करें। उन्होंने भारत में बायोमीट्रिक पहचान पत्र, आधार के उदाहरण का जिक्र करते हुये कहा कि डिजिटल पहचान पत्र एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है।
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उन्होंने कहा कि भारत में एक अरब से अधिक लोगों का बायोमीट्रिक पहचान पत्र का इस्तेमाल करना “अच्छा उदाहरण” है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहचान से गरीब तबके समेत सभी लोगों की सार्वजनिक सेवाओं और धन तक बेहतर पहुंच उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। अमीना मोहम्मद ने कहा कि मौजूदा समय में विश्व की आधी से ज्यादा आबादी करीब 3.9 अरब लोगों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है और सबसे कम विकसित देशों में तो यह संख्या 85 फीसदी तक है। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरद्दीन ने कहा कि यह भावना तेजी से बढ़ रही है कि नयी प्रौद्योगिकियां मानव प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।