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US बना रहा आगे की रणनीति, उत्तर कोरिया की दो टूक- ‘हमसे न उलझें’

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अमेरिका को जबरदस्त जवाबी हमले की चेतावनी देते हुए कहा, ‘हमसे न उलझें।’

अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। कोरियाई प्रायद्वीप में संभावित युद्ध के चलते तमाम देश परेशान हैं, लेकिन उत्तर कोरिया अपनी जिद पर अड़ा है। वह न तो संयुक्त राष्ट्र की कोई बात सुनने को तैयार है और न ही अपने सबसे बड़े सहयोगी चीन की बात मान रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन का कहना है कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर दबाव बनाए जाने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है। दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अमेरिका को जबरदस्त जवाबी हमले की चेतावनी देते हुए कहा, ‘हमसे न उलझें।’

उत्तर कोरिया ने चीन के सुझाव को किया दरकिनार

एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के खिलाफ कठोर रुख अपनाए हुए हैं। दो दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने अपने सबसे बड़े समर्थक चीन की सुझाव को भी अस्वीकर करते हुए अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को जारी रखा है।

उत्तर कोरिया लगातार जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका को तबाह करने की धमकी देता है। पिछले रविवार को मिसाइल टेस्ट में असफल होने के बावजूद अपने इस कार्यक्रम को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

टेंशन खत्म करने की हर संभावना को तलाशा जा रहा है

टिलरसन ने बुधवार को वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम उत्तर कोरिया को लेकर हर संभावना को तलाश रहे हैं। इसमें इस देश को दबाव के जरिए अमेरिका के साथ सहयोग करने के लिए मनाना भी शामिल है, लेकिन यह सहयोग पहले के अलग होगा।’

रणनीतिक धैर्य का समय खत्म

उधर अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस अपने मित्र आशियान देशों के दौरे पर बार-बार कह चुके हैं कि उत्तर कोरिया के साथ रणनीतिक धैर्य का समय अब खत्म हो चुका है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के स्पीकर पॉल रयान ने अपने लंदन दौरे पर कहा, ‘दबाव बनाने की रणनीति में मिलिट्री के विकल्प भी होना चाहिए।’

‘परमाणु हमला कर सकता है उत्तर कोरिया’

किम जोंग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस तरह के तानाशाह के पास ऐसी शक्तियां होना किसी भी मुख्य धारा के देश को गंवारा नहीं होगा।’ रयान ने आगे कहा, चीन से साथ बातचीत की कोशिशों को लेकर वे उत्साहित थे, लेकिन उत्तर कोरिया चीन की भी नहीं सुन रहा और वह कभी भी मित्र राष्ट्रों पर परमाणु हमला कर सकता है। उत्तर कोरिया इससे पहले भी किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई पर परमाणु हमले की धमकी दे चुका है।

बता दें कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया अब भी युद्ध की स्थिति में ही हैं और यह स्थिति पिछले लगभग 6 दशक से ज्यादा वक्त से है। असल में दोनों देशों के बीच 1950-53 का युद्ध शांति पर खत्म होने की बजाय युद्ध विराम की स्थिति में है।

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