नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी रीयल्टी कंपनी डीएलएफ सुप्रीम कोर्ट के 630 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करने के आदेश का अनुपालन करेगी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन के लिए कंपनी पर यह जुर्माना लगाया था और प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (कॉम्पैट) ने भी इसे कायम रखा था। हालांकि, कंपनी ने इस मामले में अपने पक्ष को लेकर भरोसा जताया। शीर्ष अदालत ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि कंपनी को अपनी अपील पर फैसले तक तीन माह में रजिस्ट्री के पास यह जुर्माना जमा कराना होगा। डीएलएफ ने 19 मई के कॉम्पैट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट न्यायालय में चुनौती दी है। कॉम्पैट ने कंपनी पर प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा लगाए गए जुर्माने को उचित ठहराया था। प्रतिस्पर्धा आयोग ने अगस्त, 2011 में कंपनी पर अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए यह जुर्माना लगाया था। बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में डीएलएफ ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति का इंतजार है। डीएलएफ शीर्ष अदालत के फैसले के अनुपालन के लिए सभी कदम उठाएगी।