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यूपीः रिटायर्ड कर्नल की कोठी पर डीआरआई-वन विभाग का छापा, 40 से ज्यादा देसी-विदेशी हथियार हुए बरामद

रिटायर्ड कर्नल देवेंद्र कुमार की कोठी पर शनिवार दोपहर करीब 12 बजे डीआरआई और वन विभाग की टीम ने छापेमारी की। कोठी से बड़ी संख्या में लाइसेंसी और बिना लाइसेंस के असलहे, कारतूस, जानवरों की खालें, मीट, सींग बरामद होने की सूचना है। रिटायर्ड कर्नल का बेटा प्रशांत बिश्नोई नेशनल शूटर है। आधी रात के बाद तक चलती रही छापेमारी के दौरान कोठी में सेंट्रल एक्साइज की टीम और पुलिस भी मौजूद रही। 
यूपीः रिटायर्ड कर्नल की कोठी पर डीआरआई-वन विभाग का छापा, 40 से ज्यादा देसी-विदेशी हथियार हुए बरामद
 
मेरठ के सिविल लाइन स्थित कोठी नंबर 36/4 में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे डीआरआई और वन विभाग की टीम ने छापेमारी की। यह कोठी महिला थाने के सामने गली में है। देवेंद्र कुमार समाज कल्याण विभाग बरेली से रिटायर्ड अधिकारी भी बताए गए हैं। बरेली में इनका कॉलेज भी बताया जाता है।

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गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली डायरेक्ट्रेक्ट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) को इनके बारे में इनपुट मिला था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। इनकी कोठी से 40 से ज्यादा देसी-विदेशी हथियार मिलने की चर्चा है, जिनमें कुछ लाइसेंसी और गैर लाइसेंस बताए जा रहे हैं।

वन्य जीवों की खालें भी बताई जा रही हैं। फ्रिजर में रखा मीट भी मिलने की सूचना है, जिसे नील गाय का बताया गया, यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। इतना ही नहीं, लाखों रुपये भी मिलने की सूचना है। इसके अलावा 10 से 15 हिरन की ट्रॉफी (जानवर का सिर कटा हुआ)। सांभर, काला हिरन, सींग सहित, लैपर्ड की खाल, हाथी केदांत, 45 पैकेट में 117 किलो मीट मिलने की सूचना है।

स्कीट शूटर है प्रशांत

प्रशांत विश्नोई स्कीट शूटर है, इसके तहत 12 बोर से शूटिंग की जाती है। इसने नवंबर में जयपुर में 60वीं नेशनल चैंपियनशिप खेली थी, जिसमें उसकी 65वीं रैंक आई थी। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से इसे रिनाउन शूटर की मान्यता दी हुई है। रिननाउन शूटर को दो वैपन का लाइसेंस मिल सकता था। बताया यह भी जा रहा है कि शूटरों को बिहार में पिछले दिनों 500 नील गाय मारने के लिए बुलाया गया था। जिसका लाइसेंस जारी किया था। प्रशांत भी शूटिंग टीम में सदस्य बताया गया। प्रशांत बिलियर्ड्स प्लेयर भी है।

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यह है सजा का प्रावधान
– वन्य जीव के शेड्यूल वन में तीन साल से सात साल तक की सजा और 10 हजार जुर्माना
– वन्य जीव के शेड्यूल दो में तीन साल तक की सजा और 25 हजार जुर्माना

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