क्या आप नहीं पीते जवारे का रस
वैसे तो हम सभी जूस पीते ही हैं. जूस पीने के अपने फायदे हैं और हर जूस की अपनी अहमियत और स्वस्थ लाभ होते हैं. जवारे का रस वैसे तो ज्यादातर लोग नहीं पीते लेकिन शायद वो इसे इसलिए नहीं पीते क्यूंकि वो इसके फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे। आज हम आपको जवारे के रस से होनेवाले फायदों के बारे में बताएँगे और हमें यकीन है कि इसके बाद आप जरूर जवारे का रस पीना शुरू कर देंगे।
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पेट में छाले, कैंसर, आंतों की सूजन, दांत संबंधी समस्याओं, दांत का हिलना, मसूड़ों से खून आना, चर्म रोग, एक्जिमा, किडनी संबंधी रोग, सेक्स संबंधी रोग, शीघ्रपतन, कान के रोग, थायराइड ग्रंथि के रोग व अनेक ऐसे रोग जिनसे रोगी निराश हो गया, उनके लिए गेहूं के जवारे अनमोल औषधि हैं। गेंहू के जवारे के रस का नियमित सेवन से गैस का रोग, एसिडिटी, डायबिटीज, पेट के कीड़े, चमड़ी के रोग, पथरी, मासिक धर्म समय से ना आना, दिल के रोग, कैंसर आदि में लाभ होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स, भारी धातुओं और शरीर में जमा दवाओं के अवशेष का विसर्जन करता है। गेहूँ के जवारे का रस नियमित पीने से एग्जीमा और सोरायसिस भी ठीक हो जाते हैं।
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जवारे का रस पीने से बाल समय से पहले सफेद नहीं होते हैं। यदि इसका सेवन 7-8 महीने तक किया जाये तो यह मुहाँसों और उनसे बने दाग, धब्बे और झाइयां सब साफ हो जाते हैं। गेहूँ के जवारे के रस में मौजूद क्लोरोफिल में उच्च मैग्नीशियम एंजाइम होते है जो कि सेक्स हार्मोन को पुन: सक्रीय करता है जिससे स्त्री-पुरुष और पशुओं की प्रजनन शक्ति पुन: जाग्रत होती है। ज्वारे का ताजा रस सामान्यतः 60-120 एमएल प्रति दिन खाली पेट सेवन करना चाहिये।
यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो 30-60 एमएल रस दिन मे तीन चार बार तक ले सकते हैं। रस निकालकर तुरंत उपयोग करें। तीन घण्टे में जवारे के रस के पोषक गुण समाप्त होने लगते हैं। कुछ लोगों को शुरु में उल्टी-दस्त हो सकते है तथा सर्दी महसूस हो सकती है। यह सब रोगी होने के लक्षण है। ज्वारों का रस निकालते समय शहद, अदरक और पैन के पत्ते भी डाले जा सकते हैं इससे उबकाई नहीं आयेगी। ज्वारों के रस में नमक या नींबू का रस कभी भी नहीं डालना चाहिए।