पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़कों में बड़ा गोलमाल, केंद्र सरकार ने रोकी पेमेंट
गड़बड़ी सामने आने से लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। सूत्रों के अनुसार चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए कई जगह मापदंडों को दरकिनार किया गया। अब ठेकेदारों को दोबारा से अपने खर्चे पर सड़क बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ आरपी वर्मा ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल विंग ने सड़कों पर जो आपत्तियां लगाई हैं, उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। इसकी भरपाई ठेकेदारों को अपने खर्च पर करनी होगी। तब तक पेमेंट रिलीज नहीं होगी।
सेंट्रल क्वालिटी कंट्रोल विंग ने हिमाचल आकर अपने स्तर पर 96 सड़कों की जांच करते हुए 56 सड़कों को ठीक बताया जबकि 40 सड़कों पर आपत्ति दर्ज कराई।
कुल्लू जिला के भुईन-शिलीधार और मगलोर पनीहार से थाचीधार सड़क में खामियां पाई गईं। स्टेट क्वालिटी विंग ने बिलासपुर जिले के हटवार-ब्रहामली, जिला चंबा का कीनाला-कुथेर रोड और पाटका-डलहौजी सड़क, हमीरपुर जिले के बारू-टापरे, कल्पा की शांग-ब्रो, कुल्लू की नोर-नीथर, मंडी जिले का लिंक रोड शुलाहरू और घाटा-बाग, नारकंडा का लिंक रोड अरोथ, सिरमौर जिले का संगड़ाह और बरली-सियून, जिला सोलन के चायल से गौरा सड़क का काम संतोषजनक नहीं है।