IT रेड पर बोले लालू- BJP को मुबारक हों नए साथी, आखिरी सांस तक फासीवाद से लड़ूंगा
चारा घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बढ़ी लालू प्रसाद यादव की मुश्किलों में और इजाफा हो सकता है। मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों के दिल्ली-एनसीआर में मौजूद 22 ठिकानों पर छापेमारी की है। आईटी विभाग को लालू की 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति होने का शक है।
ये भी पढ़े: पति ने फोन पर कहा- तलाक..तलाक..तलाक, पत्नी हेल्प लाइन पहुंची, हुआ समझौता
लालू ने बीजेपी नेताओं को धमकाते हुए कहा कि ‘अरे पढ़े-लिखे अनपढो,ये तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई। BJP समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटको (सरकारी तोतों) से लालू नही डरता। BJP में हिम्मत नही कि लालू की आवाज को दबा सके।लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर मे करोड़ो लालू खड़े हो जाएंगे।मै गीदड़ भभकी से डरने वाला नही हूं।’
मंगलवार सुबह 8:30 बजे से शुरू हुई इस छापेमारी के बाद बेनामी संपत्ति को लेकर लालू पर शिकंजा कसने की कोशिश तेज हो गई है। इन ठिकानों में उनकी पार्टी के ही राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता के घर पर भी छापेमारी हुई है। इसके अलावा उनकी बेटी मीसा और दामाद के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।
दरअसल, लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बिहार भाजपा के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने मोर्चा खोला हुआ है। सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाया था कि वे बेनामी करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं और उन्होंने चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपने गुप्त व्यवसायों का उल्लेख नहीं किया था। सुशील कुमार मोदी ने इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि रेल मंत्री रहले हुए लालू ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और कई लोगों को इन डील्स के जरिए आर्थिक फायदा पहुंचाया। इसके अलावा लालू ने नीतीश कुमार को भी खुद के खिलाफ कार्रवाई ने करने के लिए धमकाया था। बता दें कि बिहार में लालू-नितीश के गठबंधन की सरकार है, जिसमें लालू के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप मंत्री है।
प्रसाद ने कहा, “बिहार में कई संदिग्ध जमीन सौदे किए गए। लालू की राजनीति लूट की राजनीति बन गई है। कर्ज चुकाने के लिए करोड़ों की जमीन का सौदा किया गया।” साथ ही उन्होंने कहा कि लालू और उनके परिजनों की कंपनियां सिर्फ जमीन सौदों के लिए बनाई गईं। इनमें न कोई कर्मचारी है, न कोई काम है और न ही कोई टर्नओवर है। बिहार का सबसे बड़े शॉपिंग मॉल की जमीन भी इस तरह की संदिग्ध सौदेबाजी के घेरे में है। पटना का यह मॉल 7.5 लाख स्क्वेयर फीट में बना है।