नई दिल्ली : अपराध की यह खबर न्यायपालिका, सरकार और पुलिस को सोचने को मजबूर कर रही है कि नाबालिग द्वारा किये गए अपराध पर उसके साथ बालिगों जैसा व्यवहार क्यों नहीं किया जाना चाहिए. ताज़ा मामला वेस्ट और सेंट्रल दिल्ली का सामने आया है जहाँ एक हफ्ते पहले ही जूवेनाइल जस्टिस होम से पैरोल पर छूटे नाबालिग आरोपी ने बदले की भावना से चार दोस्तों के साथ मिलकर दो घंटे में दो लोगों को मौत के घाट उतार कर फरार हो गया.
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इस घटना के बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग आरोपी चोरी के मामले में अपराध सुधार गृह भेजा गया था. इसके खिलाफ सड़क पर अपराध के कई मामले दर्ज हैं. अपराध सुधार गृह से परोल पर छुटने के बाद नाबालिग ने अपने दो पुराने दुश्मन सुनील और राहुल से बदला लेने की योजना बनाई . इस काम में 22 वर्षीय मनोज नाम के एक साथी और तीन अन्य लोगों की मदद ली गई. शुक्रवार की रात चारों ने सुनील को एक पार्क में बुलाया और चाकूओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी.हत्या के बाद सुनील के गले से सोने की चेन भी निकाल ली. फिर नाबालिग ने अपने बाकी के साथियों के साथ दो घंटे के अंतराल में अपने दूसरे दुश्मन राहुल की हत्या कर दी और फरार हो गया.
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बता दें कि पुलिस ने नाबालिग के एक साथी मनोज को उसके घर गिरफ्तार कर उसके पास से चेन भी बरामद कर ली है.पुलिस ने नाबालिग के तीन साथियों की भी पहचान कर ली है.अब पुलिस नाबालिग सहित बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान चला रही है.लेकिन अभी तक आरोपी पकड़ में नहीं आए है.