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प्रेम संबंधों का था शक, बेटी और उसके प्रेमी को तेजधार हथियारों से काट डाला
बठिंडा.अवैध संबंधों के शक में अपनी बेटी तथा उसके प्रेमी की हत्या करने के मामले में एडिशनल सेशन जज परमिंदर पाल सिंह की अदालत ने दोषी पिता बेटों समेत चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चारों को 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना ना भरने पर दोषियों को एक साल और जेल काटनी होगी। थाना मौड़ पुलिस के प्रभारी इंस्पेक्टर गुरशेर सिंह को 17 जुलाई 2014 को दिए बयान में बहादुर सिंह पुत्र राम सिंह निवासी राजगढ़ कुब्बे जो गांव बहणीवाल स्थित सरकारी हाई स्कूल में कार्यकारी मुख्याध्यापक है ने बयान दर्ज कराए कि उसके दो लड़के सिमरनजीत सिंह और राजदीप सिंह हैं।
रात करीब 12 बजे जब वह छत से नीचे आया तो देखा कि उसका लड़का सिमरनजीत सिंह कमरे में नहीं था। उसने अपने साथ के मकान में भाई अमृतपाल सिंह को जगाया। उन्होंने सोचा कि सिमरनजीत खेत में गया होगा। रात करीब 12.30 बजे जब वे गांव के ही रहने वाले चमकौर सिंह पुत्र दरबारा सिंह के घर पास पहुंचे तो उसके घर का बल्ब जल रहा था।
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वारदात के अगले दिन सुबह उन्हें पता चला कि आरोपियों ने मिलकर उसके लड़के सिमरनजीत सिंह और मनजिंदर कौर का कत्ल कर दिया है। क्योंकि आरोपियों को शक था कि सिमरनजीत सिंह तथा मनजिंदर कौर के बीच अवैध संबंध हैं। दोनों की लाशें चमकौर सिंह के मकान में बरामदे में पड़ी थी। बहादुर सिंह ने अपने भाई अमृतपाल सिंह को साथ लेकर तुरंत वारदात की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद वारदात स्थल पर पहुंची पुलिस ने प्राथमिक कार्रवाई के बाद बहादुर सिंह के बयान पर चमकौर सिंह, उसके बेटे धरमिंदर सिंह, खुशविंदर सिंह तथा भाई सुखविंदर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 302,34,506 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को लेकर तीन साल से मामला कोर्ट में चल रहा था। वीरवार को सेशन जज ने चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई।
पिता ने बताया कि गांव में ढूंढते समय उन्हें चमकौर सिंह के घर से उसके लड़के सिमरनजीत सिंह के बचाओ बचाओ की आवाज की आवाजें सुनाई दी। जब उन्होंने आगे जाकर देखा तो पाया कि चमकौर सिंह, उसके दोनों बेटे धरमिंदर सिंह तथा बड़ा बेटा, चमकौर का भाई जगसीर सिंह मौजूद थे। उसने देखा कि चमकौर के पास कस्सी, धरमिंदर सिंह के पास कुल्हाड़ी तथा बाकी दोनों के पास भी तेजधार हथियार थे। चारों आरोपी मिलकर उसके लड़के सिमरनजीत सिंह तथा चमकौर सिंह की लड़की मनजिंदर कौर को पकड़ रखा था और दोनों को जान से मारने की नियत से धमकियां दे रहे थे। जब उन्होंने आगे बढ़कर उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उन्हें भी जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दी। वह डर के मारे वापस अपने घर गए।