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7 साल बाद बजेगा चुनावी बिगुल ;राज्यपाल ने मंगाए साफ छवि वाले उम्मीदवारों के नाम

नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में सात वर्षों बाद चुनावी बिगुल बजेगा। सोमवार से विवि प्रशासन चुनावों की रूप-रेखा तैयार करने में जुट जाएगा। राज्य में 1 मार्च से नया विश्वविद्यालय अधिनियम लागू होने के बाद से ही नागपुर विश्वविद्यालय में चुनाव संबंधी कॉमन स्टेच्युट (समान अधिनयम) का इंतजार हो रहा था।
7 साल बाद बजेगा चुनावी बिगुल ;राज्यपाल ने मंगाए साफ छवि वाले उम्मीदवारों के नाम
– शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने इसे जारी किया है। ऐसे में अब नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के 11 गैर-कृषि विश्वविद्यालयों में चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
– नागपुर विश्वविद्यालय को 31 अगस्त के पूर्व अपने सभी प्राधिकरण गठित करने हैं। ऐसे में आने वाला दिन चुनावी रंग में रंगने वाला है।
इन प्राधिकरणों के लिए होंगे चुनाव

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– नागपुर विश्वविद्यालय में सीनेट, मैनेजमेंट काउंसिल और एकेडेमिक काउंसिल में सदस्यों के चयन के लिए चुनाव होंगे।

– सीनेट में 72, मैनेजमेंट काउंसिल में 23 और एकेडेमिक काउंसिल में 38 सदस्य शामिल होंगे। नागपुर विवि में सबसे पहले 10 स्नातक सदस्यों का चुनाव होगा। सीनेट के अलावा विवि में प्रमुख रूप व्यवस्थापन परिषद और विद्वत परिषद के सदस्यों के चयन के लिए चुनाव होंगे।
– सीनेट के स्नातक, अभ्यास मंडल के प्राध्यापकों, प्राचार्यों और संस्थानों के प्रतिनिधियों के चुनाव महाविद्यालयों को आयोजित करने होंगे। इसके अलावा विद्वत परिषद के 11 में से तीन सदस्यों के लिए चुनाव होंगे।
 
ये तैयारियां करनी होंगी
– सबसे पहले विवि में ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव होंगे। विवि ने इसके लिए प्रशासकीय परिसर, सिविल लाइंस में चुनावी कक्ष की स्थापना की है। कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम को चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
– प्राधिकरण चुनावों के बाद विवि अपने विविध बोर्ड के डायरेक्टरों की नियुक्तियां करेगा। फिलहाल विवि में जो चुनावी तैयारियां चलेंगी, उनमें चुनावों का आयोजन, मतदाता पंजीयन, आवेदन की तिथियां जारी करने जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं।
 
– राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने बुधवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुरविश्वविद्यालय कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे को पत्र भेजा है। राज्यपाल द्वारा नागपुर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्राधिकरणों में सदस्यों का नामांकन होना है।
– इसलिए राज्यपाल ने कुलगुरु से सदस्यों के नाम सुझाने को कहा है। इसकी पुष्टि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने की है। पत्र में एक और बात स्पष्ट की गई है कि वे ही नाम भेजे जाएं, जिनकी छवि साफ और गैर-विवादित हो। पत्र के अनुसार, विश्वविद्यालय के प्राधिकरणों का गठन 31 अगस्त के पूर्व पूरा किया जाना है। बीते दो माह से लंबित नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
– यहां होंगे राज्यपाल नामांकित सदस्य
विश्वविद्यालय के कामकाज को ठीक ढंग से चलाने के लिए विविध प्राधिकरण होते हैं, जहां आर्थिक और शैक्षणिक स्तर के फैसले लिए जाते हैं। राज्यपाल को विवि के प्राधिकरणों मंे सदस्यों का नामांकन करना है। इसमें सीनेट, मैनेजमेंट काउंसिल, एकेडमिक काउंसिल के साथ ही वित्त व लेखा समिति, क्वालिटी एश्योरेंस सेल, शुल्क निर्धारण समिति जैसी करीब 10 समितियों का समावेश है। राज्यपाल को सीनेट में 10, मैनेजमेंट काउंिसल में एक, एकेडेमिक काउंसिल में 8 और अन्य समितियों में कम से कम 1 सदस्य का नामांकन करना है। राज्यपाल ने एक नामांकन के लिए कुलगुरु से तीन उम्मीदवारों के नाम मंगाए हैं। नामांकन पर अंतिम फैसला राज्यपाल लेंगे।
कुलगुरु के भी नामांकित सदस्य होंगे
 
– विवि के प्राधिकरणों में कुलगुरु के नामांकित सदस्य भी होंगे। कुलगुरु डॉ.काणे को 836 सदस्यों का विविध प्राधिकरणों में नामांकन करना है। विवि मंे करीब 40 बोर्ड ऑफ स्टडीज हैं, जिसमें प्रत्येक में 6 नामांकित सदस्य होंगे। इसके अलावा आरआरसी कमेटी मंे भी दो सदस्यों को रखा जाएगा।
– ऐसे में बोर्ड ऑफ स्टडीज और आरआरसी मंे 530 नामांकित सदस्य होंगे। इसके अलावा सीनेट में तीन, मैनेजमेंट काउंसिल में चार, एकेडेमिक काउंसिल में 11 और बोर्ड ऑफ सब कैंपस में दो, अंतर शाखा मंडल में 8 और अन्य विविध मंडल मिला कर कुल 836 सदस्य कुलगुरु को नामांकित करने होंगे।
– नए नियमों के मुताबिक एक कुलगुरु का कार्यकाल समाप्त होते ही इन नामांकित सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। इस कारण हर कुलगुरु को नामांकन की जिम्मेदारी निभानी होगी।

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