श्रीनगर। अलगाववादी नेताओं की जम्मू कश्मीर राज्य में हिंसा भड़काने की भागीदारी को लेकर एक राष्ट्रीय समाचार चैनल ने स्टिंग आॅपरेशन किया था। अब उक्त स्टिंग आॅपरेशन ने हुर्रियत काॅन्फ्रेंस समेत अन्य अलगाववादी खेमे में हलचल मचा दी है। मिली जानकारी के अनुसार आॅल पार्टीज़ हुर्रियत काॅन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह ने सहयोगी दलों नेशनल फ्रंट को हुर्रियत काॅन्फ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। हालांकि गिलानी को पुलिस प्रशासन ने हैदरपोरा स्थित आवास पर बैठक की अनुमति नहीं दी लेकिन उन्होंने यह अपील की कि नईम अहमद खान समेत विभिन्न संवैधानिक सदस्यों को निमंत्रित किया जाए।
जिससे एक्जीक्यूटिव बाॅडी के सामने वे अपना मत स्पष्ट कर सकेंगे। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस दो भागों में बंट गया था। इनका नेतृत्व मीर वाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के पास है। नेशनल फ्रंट नईम खान की पार्टी है। जो अलगाववादियों के संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है। 2014 में हुर्रियत में बंटवारा हुआ। मीर वाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले दल के नेताओं ने हुर्रियत के विरूद्ध आंदोलन तेज़ कर दिया। इतना ही नहीं नईम खान ने बताया कि शब्बीर शाह व नईम खान, शिया नेतृतवकर्ता आगा हसन के साथ सैयद अली शाह गिलानी की हुर्रियत काॅन्फ्रेंस में शामिल हो गए।
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उन्होंने अपील की कि आॅल पार्टीज़ हुर्रियत काॅन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने सहयोगी दल नेशनल फ्रंट को भी हुर्रियत काॅन्फ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। इस निलंबन को तत्काल प्रभाव से श्रीनगर व हुर्रियत चैप्टर में लागू कर दिया जाएगा। गिलानी का कहना था कि हमारे धर्म को और हमें गलत बताने का प्रयास किया जा रहा है।
आंदोलन को भी प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक स्टिंग को लेकर सच नहीं सामने आता तब तक उनका निलंबन रहेगा। अलगाववादियों पर आरोप लगते रहे हैं कि ये कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का पक्ष रखते रहे हैं। कश्मीर की द्वीपक्षीय वार्ता में भी ये खुद को तीसरे पक्ष के तौर पर शामिल करने की मांग करते रहे हैं। घाटी में कई बार कथित तौर पर अलगावादियों द्वारा पाकिस्तान का ध्वज फहराने की घटनाऐं होती रही हैं।