CRPF के रिटायर आईजी को कनाडा में प्रवेश करने से रोके जाने पर भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: सीआरपीएफ के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक को कनाडा में प्रवेश करने से रोके जाने का मामला सामने आने के बाद इस घटना पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बता दें कि कनाडा हवाई अड्डे पर सीआरपीएफ के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक टीएस ढिल्लन को अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे संगठन में सेवा दी है जो कथित रूप से ‘आतंकवाद’ एवं ‘मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन’ में शामिल हैं.
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बता दें कि टीएस ढिल्लन गत 18 मई को एक पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिएअपनी पत्नी के साथ कनाडा के एक हवाईअड्डे पर उतरे. लेकिन हवाईअड्डे पर तैनात कनाडा की सीमा एजेंसी ने उन्हें देश में प्रवेश नहीं करने दिया और उन्हें 20 मई को भारत की एक उड़ान में वापस भेज दिया गया. हालांकि उनकी पत्नी को कनाडा में उनके निर्धारित स्थान पर जाने दिया गया. ढिल्लन ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को बताया कि वे भारतीय पुलिस, सीआरपीएफ के एक सेवानिवृत्त भारतीय अधिकारी हैं , लेकिन उन्होंने उनकी एक सुनी नहीं और उनसे बहुत गलत ढंग से बात की और कहा कि उनका बल मानवाधिकार उल्लंघनों में संलिप्त है.
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इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जैसे एक प्रतिष्ठित बल के प्रति इस तरह के वर्णन को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा कि हमने एक वरिष्ठ सेवानिवृत भारतीय पुलिस अधिकारी को कनाडाई अधिकारियों द्वारा प्रवेश से मना करने के मामले को हम कनाडा सरकार के समक्ष ले गए हैं. जबकि दूसरी ओर कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल के बयान के अनुसार हवाईअड्डा पर ढिल्लन को दिए गए एक दस्तावेज में मौजूद भाषा भारत या सीआरपीएफ सहित किसी खास संगठन के प्रति कनाडा सरकार की नीति को जाहिर नहीं करती. बल भारत में कानून व्यवस्था कायम रखने में एक अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने, ढिल्लन और उनके परिवार को हुई किसी भी असुविधा के लिए खेद प्रकट किया.