राज्य
पापा की तरह बनना चाहती हैं IPS, महिलाओं के लिए करेगी काम
इंदौर: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के फाइनल सिलेक्शन प्रोसेस के बाद पूरे देश में 168वीं रैंक हासिल करने वाली इंदौर की ऐश्वर्या शर्मा ने अपनी सफलता के बारे में दैनिक भास्कर से बात की। किस तरह पाई सफलता…
-यूपीएससी परीक्षा की अपनी कठिनाईयां हैं। ये आपको फ्रस्ट्रेट करती है।
-कई लोग इसी फ्रस्ट्रेशन की वजह से यूपीएससी छोड़ देते हैं लेकिन मेरी समझ से वे लोग जल्दी इससे बाहर हो जाते हैं जो अपना आत्मविश्वास खो देते हैं।
-ये एग्जाम सिर्फ आपके बढ़ते जाने की क्षमता की परख करती है। लगातार प्रयास करते रहना और गिवअप न करना।
-सिलेक्शन होने के बाद चाहे मैं आईएएस बनूं या आईपीएस दोनों ही फील्ड में महिलाओं के लिए काम करना मेरी प्राथमिकता रहेगी।
ये भी पढ़ें: 500 और 2000 रुपए के नोटों के बाद अब आएगा एक और नया नोट
पापा की तरह आईपीएस बनना चाहती हैं
-इंदौर ज़ोन एडीजी अजय कुमार शर्मा की बेटी ऐश्वर्या भी अपने पापा की तरह आईपीएस बनना चाहती हैं लेकिन उनकी प्राथमिकता आईएएस बनकर महिलाओं को बेहतर शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं दिलवाएंगी।
-वे कहती हैं कि लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत को मैंने बहुत नजदीक से देखा है। यदि एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में आई तो सबसे पहले इन्हीं चीज़ों को सुधारने का प्रयास करूंगी। पुलिस सर्विस में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।
ये भी पढ़ें: अभी-अभी : सोनिया गांधी ने खाया जहर, हॉस्पिटल में हुई मौत… मचा हडकंप
दूसरे प्रयास में मिली सफलता
-मैनिट भोपाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की स्टूडेंट रही ऐश्वर्या ने अपने दूसरे प्रयास में ये सफलता हासिल की है।
-पहली बार उन्होंने कॉलेज से पास होने के दो महीने बाद ही परीक्षा दी थीं। ऐश्वर्या के अनुसार वो सिर्फ एक मॉक टेस्ट था।
-यूपीएससी में उनके लिए सबसे डिफिकल्ट चीज़ थी इकोनॉमिक्स जिसे उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर चुना था।
-उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से होने के कारण मुझे इस सब्जेक्ट की बहुत तैयारी करनी पड़ी।
-इसके लिए कोचिंग के साथ ही मैनें न्यूज़ पेपर्स और मैग्जीन्स से भी मदद ली। इसके अलावा मॉक टेस्ट और सैम्पल पेपर्स ने भी उनकी मदद की।