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रिश्तेदारों ने डॉक्टर की पत्नी को चाकू मार किया जख्मी, एक महीना से चल रहा था झगड़ा

  • लुधियाना: डाबा के सतगुरु नगर में घरेलू विवाद में रिश्तेदारों ने आंखोंं के डॉक्टर की पत्नी यशिका शर्मा के साथ मारपीट की और पीठ, बाजू और पेट की साइड पर चाकू मारकर जख्मी कर दिया। यशिका ने किसी तरह मोबाइल उठाकर अपने पति को फोन किया तो उसे अस्पताल पहुंचाया। थाना डाबा पुलिस ने यशिका शर्मा के बयानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यशिका शर्मा एक प्राइवेट स्कूल में अंग्रेजी टीचर है। उसके पति जीवन शर्मा आंखो के डॉक्टर है और उनका इलाके में प्राइवेट क्लीनिक है।ये था मामला…

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    यशिका ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि उनका रिश्तेदारों के साथ घरेलू झगड़ा चल रहा है। करीब एक महीना पहले रिश्तेदारों ने झगड़ा किया। लेकिन थाने मामला जाने पर राजीनामा हो गया। जीवन किसी काम से बाहर गया हुआ था। यशिका 27 मई सुबह अपने बेटे कुंवरपाल शर्मा के साथ जॉब पर जाने लगी तो रिश्तेदारों ने आकर यशिका से मारपीट की। जिसकी पुलिस को शिकायत दी थी। 29 मई शाम करीब पांच बजे रिश्तेदारों ने दोबारा घर में घुसकर मारपीट करते हुए चाकू मारकर जख्मी कर दिया।
     
    उधर, मामले के पहले जांच अफसर हेड कांस्टेबल मेवा सिंह ने कहा कि 27 मई को पीड़ित महिला की कंप्लेंट आने पर उसके रिश्तेदारों को फोन कर थाने बुलाया था। वह नहीं आए तो दोबारा फोन करने पर बोले कि वे किसी काम से बाहर आए हैं। दो दिन बाद वापस आकर थाने आने की बात कही, लेकिन उसके बाद भी वे नहीं आए तो की बुधवार शाम को दोबारा उन्हें फोन करके आने को कहा गया है।

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    पुलिस पहले करती कार्रवाई तो नहीं होता हमला
    यशिकाशर्मा ने आरोप लगाया कि 27 मई को उसके पति जीवन बाहर गए थे। इसी बात का फायदा उठाकर रिश्तेदारों ने उसके साथ मारपीट की और बचाव करने आए एक अन्य जानकार लड़की की भी पिटाई की। पुलिस को शिकायत देने पर भी कार्रवाई नहीं हुई। डर से वह घर नहीं गई और थाने बैठी रही। आगे से हेड कांस्टेबल मेवा सिंह ने कार्रवाई करने की बात कहकर उसे घर भेज दिया। लेकिन बाद में टाल मटोल करने लगे। उसका आरोप है कि यदि पुलिस पहले ही कार्रवाई कर देती तो दोबारा हमला नहीं होता।

     
    जीवन ने बताया कि हमले के बाद ही उन्होंने थाने फोन करके सूचित किया। लेकिन कोई भी मुलाजिम बयान लेने नहीं आया। जिस कारण वह दो दिन लगातार थाने जाते और फोन करते रहे। लेकिन मुलाजिम बयान लेने तक नहीं आए। करीब 12 वार थाने जाने के बाद 31मई को एएसआई गुरजीत सिंह बयान लेने आए और कहा कि अभी मामले की जांच करेगे, उसी आधार पर कार्रवाई होगी। यशिका ने आरोप लगाया कि जब वह सिविल अस्पताल भर्ती हुई तो तीन घंटे बाद डॉक्टर ने उसे धक्के से छुट्टी दे दी। जिस कारण पुरी रात दर्द से तड़पती रही। जिसके चलते पति ने दर्द के इंजेक्शन लगाए, तो वह सो पाई। अगली सुबह दोबारा हालत खराब होने पर वापिस भर्ती करवाया गया।
     
     

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