मॉस्को. रूस ने साफ किया है कि वह भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम देगा। दोनों देशों के बीच इस पर बातचीत हो चुकी है। वहीं, दोनों देशों ने साथ मिलकर एयरक्राफ्ट और ऑटोमोबाइल्स बनाने पर भी सहमति जताई है। पिछले साल गोवा में ब्रिक्स समिट के दौरान भारत और रूस के बीच करीब 40 हजार करोड़ रुपए की इस डिफेंस डील पर चर्चा हुई थी। इस डील के तहत सबसे बड़ा फायदा एस-400 मिसाइल सिस्टम का मिलेगा। यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। भारत को मिसाइल सिस्टम दिए जाने की प्रॉसेस जारी…
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– दोनों देशों ने मिलकर कामोव-226 मिलिट्री हेलिकॉप्टर और जंगी जहाज बनाने पर भी सहमति जताई है।
– बता दें कि S-400 डिफेंस सिस्टम में 400 किमी दूर से आ रहे टारगेट को ट्रैक करने की कैपिसिटी रहेगी। यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।
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-रूस भारत को तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लान्ट की दो नई यूनिट लगाने में मदद देगा। इस करार को अहम इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि इस पर कई साल से बातचीत चल रही थी और दोनों देशों में कुछ शर्तों पर एक राय नहीं बन पा रही थी। लेकिन अब यूनिट 5 और 6 के लगने का रास्ता साफ हो गया है।
– इसके अलावा ट्रेड, टेक्नोलॉजी, रीजनल को-ऑपरेशन और डिफेंस सेक्टर में करार हुए।
– दोनों देशों की तीनों सेनाएं (एयरफोर्स, नेवी और आर्मी) मिलकर इस साल इंद्र नाम की ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करेंगी।
– “हमने ने हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखा, लेकिन भारत और रूस के रिश्तों में कभी उतार-चढ़ाव नहीं आया।”
– इस मौके पर पुतिन ने कहा, “भारत जल्द ही शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SPO) का हिस्सा बन जाएगा।”
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– न्यूक्लियर प्लान्ट की 2 यूनिट बनाने की डील होने के बाद भारत को हर एक रिएक्टर से 1000 मेगावॉट (कुल 2 हजार मेगावॉट) बिजली मिलेगी।
– मौजूदा वक्त में देश में 22 रिएक्टर्स में 6 हजार 780 मेगावॉट बिजली बनाने की कैपिसिटी है।
– 2015 में मोदी-पुतिन ने एक करार पर साइन किए थे। इसके मुताबिक, दिसंबर 2016 में न्यूक्लियर यूनिट्स के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।
– रूस में भारत के एम्बेसडर पंकज सरन ने कहा, “दोनों देश एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। बीते 3 साल में मोदी-पुतिन के बीच अच्छी केमिस्ट्री बन चुकी है।”
– S-400 रूस का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। भारत ने 5 सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसकी कॉस्ट 33 हजार करोड़ रुपए होगी।
– यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। S-400 डिफेंस सिस्टम में 400 किमी दूर से आ रहे टारगेट को ट्रैक करने की कैपिसिटी रहेगी।
– यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।