कर्म प्रधान व्यक्ति निरंतर चलते हैं प्रगति के मार्ग पर
उज्जैन। मुनिश्री समतासागरजी महाराज और ऐलक निश्चयसागर महाराज के सानिध्य में दिगंबर जैन महावीर मंदिर लक्ष्मीनगर में पंचकल्याण के माध्यम से प्रतिष्ठित हुई मूर्तियों का पहला अभिषेक, शांतिधारा, पूजा संपन्न हुई। जिसमें संपूर्ण समाजजनों ने भाग लिया। तत्पश्चात मुनिश्री समतासागर महाराज के प्रवचन हुए जिसमें उन्होंने कहा कि जो लोग संयम के मार्ग पर चलते हैं सरल स्वभावी होते हैं वह निरंतर प्रगति को प्राप्त करते हैं। हमें कर्मप्रधान होना होगा। कर्मों की प्रधानता ही व्यक्ति को महान बनाती है।
कर्म किये जाओ, फल की चिंता मत रखो, कर्म अच्छे होंगे तो फल भी अच्छा ही मिलेगा जिस प्रकार उज्जैन की जैन समाज ने एक माह की तैयारी में अद्भुत पंचकल्याणक कर्म करके संपन्न करा दिया उसी प्रकार का जुनून हमें भगवान की भक्ति में रखना होगा। मोक्ष मार्ग में लगाना होगा। तभी जाकर हमारा मार्ग प्रशस्त होगा।
सकल दिगंबर जैन समाज सामाजिक संस्था के सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया मुनिश्री के सानिध्य में आचार्य भगवंत शिरोमणि 108 विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लेने हेतु डोंगरगढ़ ब्रह्मचारी सुनील भैया के नेतृत्व में जाना भी तय हुआ। जिसमें आचार्य विद्यासागर महाराज की दीक्षा का संयम स्वर्ण महोत्सव एवं 2017 में मुनिश्री समतासागर महाराज का चातुर्मास उज्जैन में हो सके।