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चीन को टक्कर देने के लिए सरकार ने की बड़ी तैयारी
हिमाचल सरकार के स्वायत्त निगम एचपीएमसी ने पड़ोसी देश चीन से आ रहे सेब और अन्य फल उत्पादों को टक्कर देने की तैयारी कर ली है। एचपीएमसी अपने उत्पादों को नेशनल ब्रांड बनाने के लिए देश के हर राज्य में एक सुपर स्टॉकिस्ट खड़ा करेगा। इसके माध्यम से हिमाचल में बनाए गए एप्पल कांसेंट्रेट, जूस, जैम आदि तमाम उत्पादों की बिक्री बढ़ाई जाएगी।
राजस्थान और गुजरात में एक प्रयोग के सफल रहने पर अब दूसरे चरण में केरल, उत्तर प्रदेश और झारखंड पर फोकस किया जा रहा है। एचपीएमसी ने अपने उत्पादों की पैकिंग में खासा बदलाव किया है।
खासकर लोगो को बेहद आकर्षक बनाया गया है। देश भर में सफलता मिली तो विदेशों के लिए भी फल उत्पाद निर्यात होंगे। चीन से बड़ी मात्रा में एप्पल कांसेंट्रेट और अन्य फल उत्पाद भारत आ रहे हैं। इनकी वजह से हिमाचली सेब और इनकी मांग नहीं बढ़ पा रही है।
उनका लाभांश तय किया गया। इन राज्यों के सुपर स्टाकिस्टों ने न सिर्फ थोड़े से अरसे में ही एक-एक ट्रक माल बेच दिया, बल्कि और भी मांग की है। मंगलवार को केरल के स्टॉकिस्ट से बात की गई है। अब उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी इनका चयन किया जा रहा है। अन्य राज्यों में भी इसी तर्ज पर सुपर स्टॉकिस्ट नियुक्त किए जाएंगे।
इनमें मार्केटिंग फर्मों को खास तवज्जो दी जा रही है। हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव बागवानी एवं एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक जेसी शर्मा का कहना है कि दो राज्यों में सुपर स्टॉकिस्ट की सफलता के बाद अब तीन अन्य राज्यों में करार किया जा रहा है।
इससे एचपीएमसी की आय बढ़ेगी और हिमाचल के सेब की अच्छी खपत होगी। इससे बाहरी देशों से आने वाले फल उत्पादों का कड़ा मुकाबला किया जा सकेगा।
फल उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए परवाणू और जड़ोल टिक्कर के प्रोसेसिंग प्लांट अपग्रेड किए जाएंगे। निगम के प्रबंध निदेशक जेसी शर्मा ने कहा कि इसके लिए टेंडर लगाए जा रहे हैं। नगरोटा और शिमला के प्लांटों की भी क्षमता बढ़ाई जाएगी।