गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों के उत्थान के लिए पिछली सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं को उन्हें और आश्रित बनाने वाली बताते हुए ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत बताई जो जरूरतमंदों के आत्मसम्मान एवं आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करे। महात्मा मंदिर में आयोजित एक समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति दूसरे पर निर्भर बन जाता है तो वह पूरी तरह टूट जाता है। इस स्थिति में वह इस तरह की जिंदगी जीने के बजाए मरना पसंद करता है। इस दयनीय स्थिति से ऐसे लोगों को बाहर निकालने से बेहतर कोई बात नहीं है। प्रधानमंत्री ने देश में चल रही ऐसी वर्तमान योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर अफसोस जताया और कहा कि इनसे गरीबों के आत्म विश्वास में कमी आएगी और वे सरकार पर निर्भर बन जाएंगे। मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में चल रही योजनाएं एवं कार्यक्रम ऐसे हैं कि वे गरीब लोगों को आत्मनिर्भर एवं आत्मविश्वासी बनाने के बजाए सरकार पर निर्भर बनाती हैं। अगर सरकारी कार्यक्रम रुक जाएं तो गरीब भूखा मर जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर देना होगा। वे भी आत्मसम्मान से जीना चाहते हैं। उन्हें आत्मसम्मान तभी मिलेगा जब उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिलेगा। इस देश का आत्मसम्मान देश के सभी 125 करोड़ लोगों के आत्मसम्मान पर निर्भर करता है। अपने 64वें जन्मदिन पर मोदी ने गुजरात सरकार की 11 नई कल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन किया जो युवकों, महिलाओं और बीपीएल श्रेणी से नीचे के लोगों के उत्थान के लिए है। इसके साथ ही गरीबों के लिए चिकित्सकीय सेवाओं की योजनाएं भी लागू की गई हैं। इन योजनाओं के बारे में इस वर्ष के राज्य सरकार के बजट में वादा किया गया था। मोदी ने महात्मा गांधी और आत्मनिर्भरता के उनके सिद्धांत को भी याद किया।एजेंसी