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GST: दवाएं भी हो जाएंगी महंगी, 5 से 18 फीसदी तक लगेगा टैक्स
गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने के बाद सबसे बड़ी मार ऐसे व्यक्तियों पर पड़ने वाली है, जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं और दवाईयों के सहारे अपनी जिंदगी चला रहे हैं। केंद्र सरकार ऐसी जीवनरक्षक दवाओं को भी जीएसटी के दायरे में लेकर आई है, जिन्हें एक व्यक्ति बीमारी में अक्सर सेवन करता है। इनमें मलेरिया, एड्स, टीबी और डायबिटिज की दवाएं भी शामिल हैं। इसमें आयुर्वेदिक दवाएं भी शामिल हैं।
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इन दवाओं पर लगेगा 5 फीसदी टैक्स
केंद्र सरकार ने जीवनरक्षक दवाएं जैसे कि मलेरिया, एड्स, टीबी और डायबिटिज पर 5 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। अभी तक ऐसी दवाओं पर किसी तरह की एक्साइज ड्यूटी और कस्टम नहीं लगता है। हालांकि कई राज्य इन दवाओं पर 5 फीसदी टैक्स लगता है।
केंद्र सरकार ने जीवनरक्षक दवाएं जैसे कि मलेरिया, एड्स, टीबी और डायबिटिज पर 5 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। अभी तक ऐसी दवाओं पर किसी तरह की एक्साइज ड्यूटी और कस्टम नहीं लगता है। हालांकि कई राज्य इन दवाओं पर 5 फीसदी टैक्स लगता है।
इन दवाओं पर लगेगा 12 फीसदी टैक्स
एक सॉल्ट से ज्यादा मिक्स वाले सॉल्ट वाली दवाओं पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा। इसमें कई तरह की फॉर्मूलेशन वाली दवाएं भी शामिल हैं।
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18 फीसदी लगेगा बल्क ड्रग पर टैक्स
बल्क ड्रग जो कि ऐसी दवाएं होती है जो मार्केट में पूरी तरह से तैयार होकर के बिकने के लिए आती हैं। ऐसी दवाओं पर जीएसटी के तहत 18 फीसदी टैक्स लगेगा।
आयुर्वेद दवाओं पर भी लगेगा 12 फीसदी टैक्स
केंद्र सरकार ने डाबर, पतजंलि,वैद्यनाथ जैसी कंपनियों को भी झटका दिया है जो आयुर्वेद दवाओं का निर्माण करके बेचती हैं। ऐसी दवाओं पर जीएसटी के तहत 12 फीसदी टैक्स लगेगा।