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6 महीने से विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच बातचीत थी बंद
अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद मीडिया में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिसंबर में इंग्लैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के बाद से ही कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच बातचीत बंद थी। एक चैनल की खबर के अनुसार चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में हार के बाद क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के तीनों सदस्य- सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण, कुंबले को कोच बनाए रखने के पक्ष में थे। हालांकि, कुंबले को पद पर बनाए रखने के लिए सीएसी ने एक शर्त रखी थी।
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बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि कुंबले को बरकरार रखने के लिए सारे मतभेद ठीक करने होंगे। फाइनल मैच के बाद हुई तीन बैठकों में से पहली बैठक में कुंबले और बीसीसीआई के टॉप अधिकारी शामिल हुए, जहां बोर्ड अधिकारियों ने कुंबले से पूछा कि कोच और कप्तान के बीच क्या मतभेद हैं। दूसरी मीटिंग में कुंबले की जगह कोहली थे, जहां उनसे यही सवाल किया गया। अंतिम मीटिंग में बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कोच और कप्तान दोनों मौजूद थे, जहां दोनों से आपसी मनमुटाव सुलझाने की बात की गई।
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बोर्ड सूत्रों ने बताया कि अनिल कुंबले के अनुसार विराट कोहली के साथ को दिक्कत नहीं थी। कोहली को कुछ जगहों पर दिक्कतें थीं, मगर कोहली उन्हें दुरुस्त करने के पक्ष में नहीं थे। कुंबले को बार्बाडोस में टीम के साथ जुड़ना था, मगर वो समझ चुके थे कि सब कुछ खत्म हो गया है। विराट को लगता था कि कुंबले उनके कार्यक्षेत्र में दखल दे रहे हैं। जबकि, कुंबले को लगता था कि वो अपने विचार पर अमल कर सकते हैं।
टीम इंडिया का अगल कोच श्रीलंका दौरे से पहले चुना जाएगा। वेस्टइंडीज दौरे के लिए एमवी श्रीधर को जनरल मैनेजर नियुक्त किया गया है, जो बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ और फील्डिंग कोच आर श्रीधर की सहायता करेंगे। हालांकि, इस विवाद में कोई किसी का भी पक्ष ले, मगर नुकसान भारतीय क्रिकेट को ही होगा।