बैंकों का एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज संकट में
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बड़ी संख्या में कोयला खानों का आवंटन रद्द किये जाने से बैंकों की चिंता बढ़ी है। बैंकों ने उन बिजली कंपनियों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया है जिन्हें इन खानों से कोयले की आपूर्ति की जानी थी। किसी भी बैंक ने हालांकि आधिकारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में नहीं बताया लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैंक रद्द कोयला खानों से जुड़ी परियोजनाओं को दिये कर्ज का आकलन कर रहे हैं। स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि मुङो खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही यह मामला निपट चुका है। अब हमें आगे तेजी से कदम उठाते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोयला आपूर्ति बाधित नहीं हो और उसके बाद कोयला खानों के पुनर्आवंटन के लिए पारदर्शी और त्वरित आवंटन प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक सहित करीब करीब सभी बैंकों ने बिजली परियोजनाओं के लिये कर्ज दिया है। इन परियोजनाओं को उन्हीं कोयला खानों से कोयला मिलना था जिनका आवंटन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिये अपने फैसले में वर्ष 1993 के बाद आवंटित 218 में से 214 कोयला खानों का आवंटन रद्द कर दिया। एजेंसी