फैटी लीवर डिजीज लीवर से जुड़ी एक समस्या है जिसमें लीवर में फैट की मात्रा सामान्य से काफी ज्यादा हो जाती है। इस अवस्था में लीवर में सूजन आ जाती है और जब तक स्थिति बहुत खराब ना हो जाए इस बीमारी के लक्षण भी नज़र नहीं आते हैं। यही कारण है कि कई मरीजों को इसकी आखिरी स्टेज पर जाकर पता चलता है कि वे इस गंभीर बीमारी के शिकार हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में जमा अतिरिक्त फैट ही होता है।
फैटी लीवर से पीड़ित 25% मरीज आगे चलकर लीवर सिरोसिस होने के कारण मर जाते हैं। ऐसे लोग जो बहुत कम एक्सरसाइज करते हैं और खाने पीने का ठीक से ध्यान नहीं रखते हैं वे इस बीमारी की चपेट में सबसे जल्दी आते हैं। फैटी लीवर होने के कुछ और भी कारण है जैसे कि वेट लॉस ट्रीटमेंट, कुछ ख़ास तरह की दवाइयों का सेवन, आंतों से जुड़ी बीमारियां, एचआईवी, इत्यादि। लीवर सिरोसिस की चपेट में वे लोग ज्यादा आते हैं जो शराब का बहुत अधिक सेवन करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी खाने पीने की चीजों के बारे में बता रहे हैं जिनके सेवन से फैटी लीवर डिजीज का खतरा कम होता है।
1) कॉर्न : लीवर से जुड़ी बीमारियों से राहत पाने के लिए ये सबसे बेहतरीन उपाय है। मक्के में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिस वजह से शरीर में फैट और कोलेस्ट्रॉल का मेटाबोलिज्म रेट बढ़ जाता है। जिससे फैटी लीवर होने का खतरा कम होने लगता है।
2) कच्ची सब्जियां : जो लोग फैटी लीवर से पीड़ित है उन्हें अपनी डाइट में कच्ची सब्जियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए। इनके सेवन से लीवर बेहतर तरीके से काम करने लगता है। इसलिए आप खाने में हरी सब्जियों की सलाद बनाकर खाएं।
3) प्याज : प्याज में ऐसे यौगिकों और पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो लीवर और ब्लड में से फैट की मात्रा को कम करते हैं। इसलिए कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से पीडित मरीज हो या फैटी लीवर का मरीज उन्हें प्याज खाने की सलाह दी जाती है।
4) लहसुन : लहसुन में ऐसी क्षमताएं होती हैं जिससे वो शरीर में उपस्थित खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर देती है। इसमें मौजूद एलीसिन नामक यौगिक लीवर में मौजूद फैट को कम करने में बहुत असरदार है। इसलिए फैटी लीवर से पीड़ित मरीज को रोजाना लहसुन का सेवन ज़रूर करना चाहिए।
5) शिटेक मशरूम : इस मशरूम में ऐसे यौगिक होते हैं जो खून और लीवर कोशिकाओं में उपस्थित फैट की मात्रा को कम करते हैं। इसलिए आप इन मशरूम की सब्जी बनाकर खाएं या सूप बनाते समय इनका इस्तेमाल करें।
फैटी लीवर से पीड़ित मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए :
a) एनिमल फैट : फैटी लीवर डिजीज से पीड़ित मरीजों को एनिमल फैट का सेवन बिल्कुल कम कर देना चाहिए। इसके कम सेवन से लीवर पर काम का बोझ कम हो जाता है जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है। इसकी बजाय आप डाइट में वेजिटेबल ऑयल, ऑलिव ऑयल का सेवन ज्यादा करें।
b) कोलेस्ट्रॉल से भरपूर चीजें : इससे पीड़ित मरीजों को पशुओं का मांस और अंडे की जर्दी जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि इनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जब आप इन चीजों का कम सेवन करने लगेंगे तो बॉडी फैट अपने आप ही कम होने लगता है और फिर इससे डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से आपका बचाव होता है।
c) रेड मीट : फैटी लीवर से पीड़ित मरीजों को रेड मीट का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें प्रोटीन जल्दी पचता नहीं है और इसलिए लीवर पर अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ जाता है।
फैटी लीवर डिजीज से राहत पाने के कुछ अन्य उपाय :
1- अल्कोहल का सेवन बंद कर दें : अगर आप फैटी लीवर डिजीज से बचना चाहते हैं तो अल्कोहल का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। इस बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद भी अगर आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो लीवर सिरोसिस होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।2- वजन कम करें: वजन कम करने से भी फैटी लीवर की समस्या से राहत मिलती है। जब आप वजन कम करने के तरीके अपनाते हैं तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है और लीवर समेत शरीर के हर हिस्से से फैट कम होता है। इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखें।
3- रोजाना एक्सरसाइज करें: जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें रोजाना एक घंटे एक्सरसाइज ज़रूर करनी चाहिए। एक्सरसाइज के अलावा आप वाकिंग, जॉगिंग और स्विमिंग जैसी एक्टिविटी को भी रोजाना के रूटीन में शामिल करें। इससे आपके जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।