लेकिन इसके बार फिर उसकी मौत हो गई। ज्वालापुर में पहले बच्चे और बाद में मां को सुपुर्दे खाक किया गया। इस दौरान आस पास के इलाके में मातम छाया रहा।
पत्नी के न बच पाने का सदमा शाहना का पति नानू सहन नहीं कर पाया था और अस्पताल के बाहर सड़क पर उसकी अचानक मौत हो गई थी। संदिग्ध हालात में मौत को देखते हुए पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया था।
शव को पोस्टमार्टम से बचाने के लिए परिजनों को डीएम की अनुमति लेने में तमाम जद्दोजहद करनी पड़ी। परिजनों का कहना है कि शुक्रवार की सुबह पत्नी शाहना को भी अस्पताल की तरफ से मृत बता दिया गया था।
पति नानू पीरजी को रात में सुपुर्दे खाक करने के साथ ही शाहना को पहले जिला अस्पताल और फिर देहरादून रेफर कर दिया गया। जहां शनिवार की सुबह उसने एक बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी।
नाजुक हालत से गुजर रही शाहना की भी कुछ घंटे बाद अस्पताल में मौत हो गई। शनिवार की दोपहर मां और नवजात बच्चे का शव घर लाया गया तो कोहराम मच गया।
दोपहर के समय ही बच्चे को दफना दिया गया। शाम के समय असर की नमाज के बाद करीब 40 वर्षीय शाहना को भी सुपुर्दे खाक कर दिया गया। ज्वालापुर सहित आस पास के देहात तक में पति पत्नी की मौत को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होती रही।