बहुचर्चित टॉपर फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा, FIR दर्ज
गोरखपुर: गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय यूनिवरसिटी के बहुचर्चित टॉपर फर्जीवाड़े का आखिरकार खुलासा हो गया। इस बाबत जांच के लिए गठित टीम ने पाया है कि वर्ष 2016 में बीए टॉपर शिवांगी पाण्डेय और रेशमा देवी महाविद्यालय अमवा सोह्नरिया देवरिया की कार्यवाहक प्राचार्य नीलम पाण्डेय एक ही है। डॉ नीलम ने ही दुबारा स्नातक की उपाधि लेने के लिए सुनियोजित तरीके से ये कुत्सित प्रयास किया है। अब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चितरंजन मिश्र की अध्यक्षता में गठित इस जांच समिति की सिफारिशों को विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने भी स्वीकार करते हुए रेशमा देवी कालेज प्रशाशन को अब एक सप्ताह के अंदर प्राचार्य डॉ नीलम पाण्डेय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर उसकी प्रति विश्वविद्यालय को मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
बता दें, कि फर्जीवाड़े की साजिशकर्ता नीलम पाण्डेय को सितंबर में ही मामला संज्ञान में आने के बाद ही निलंबित कर दिया गया था जबकि मामले की प्रारंभिक जांच के बाद टॉपर छात्रा शिवांगी पाण्डेय का स्वर्ण पदक भी निरस्त कर दिया गया था। अब जबकि जांच में ये साफ़ हो गया है कि डॉ नीलम और छात्रा शिवांगी दोनों एक ही शख्स के दो नाम है ऐसे में विश्वविद्यालय शिवांगी पाण्डेय का वर्ष 2014 से 2016 तक के स्नातक प्रथम द्वितीय और तृतीय वर्ष का प्रवेश एवं परीक्षाफल रद्द कर दिया है। बता दें, कि छात्रा के रूप में बीए टॉप करने वाली शिवांगी इन दिनों बीटीसी की पढ़ाई कर रही है। इस बारे में कुलपति वीके सिंह ने कहा कि जांच समिति ने अपने जांच में इस फर्जीवाड़े को सही पाया है। अब इस पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।