मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच 25 साल पुरानी दोस्ती गुरुवार को टूट गई। विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर करीब एक हफ्ते तक चली खींचतान के बाद आखिरकार भाजपा ने गुरुवार शाम करीब सात बजे शिवसेना से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। शिवसेना और भाजपा की दोस्ती टूटने के पीछे सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री पद को बताया जा रहा है। शिवसेना किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहती है। जबकि भाजपा कम सीटें लेने पर तो एक बार राजी हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद देने के लिए तैयार नहीं हुई। भाजपा नेता देवेंद्र फडणबीस कहा कि वे छोटे दलों के साथ चुनाव में उतरेंगे। मगर चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। फडणबीस ने संवाददाताओं को बताया कि शिवसेना से कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन हर बार उसने अव्यावहारिक प्रस्ताव दिए। गठबंधन कायम रखने के लिए जिस बड़े दिल की जरूरत थी, शिवसेना ने वह नहीं दिखाया। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाने की अंतिम तारीख में महज दो दिन रह गए हैं और दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध समाप्त होने के बजाए और बढ़ता जा रहा है। एजेंसी