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आशुतोष महाराज को लेकर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का चौंकाने वाला दावा, पढ़िए…

तीन साल से समाधि में लीन आशुतोष महाराज को लेकर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान चौंकाने वाला दावा कर रहा है। हाईकोर्ट से दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज की देह को संरक्षित रखने के आदेश के बाद डेरे के सेवादार और साधक खासे उत्साहित हैं। कानूनी जंग जीतने के बाद अब उनका ध्यान मिशन को आगे ले जाने की ओर है।
दिल्ली बवाना स्थित आश्रम के स्वामी विशालानंद और नूरमहल डेरे के स्वामी विश्वानंद कहते हैं कि महाराज समाधि में लीन हैं और उनके आदेशों व गाइड लाइन से ही दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आगे बढ़ रहा है। संस्थान की एकता इसका प्रमुख उदाहरण है। पढ़िए स्वामी विश्वानंद से पूछे गए कुछ सवाल और उनके जवाब।

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आशुतोष महाराज को लेकर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का चौंकाने वाला दावा, पढ़िए...सवाल.. आशुतोष महाराज के शरीर को कैसे सुरक्षित रखा है? क्या बीते तीन सालों में कुछ बदलाव आया है?
जवाब… महाराज आशुतोष जी समाधि में लीन हैं। उनके लिए हमने विशेष रूम तैयार कर रखा है। इसमें चार डिग्री तापमान रखा हुआ है। वहीं, उनके लिए शीशे का कवर कर माइनस तापमान रखा गया है। इतिहास गवाह है कि पुरातन समय में भी बर्फीली पहाड़ियों में तप होता था। कई-कई साल गहन समाधि होती थी। महाराज आशुतोष गहन समाधि में हैं और समाधि में होने के कारण चेहरे पर नूर बरकरार है।

आशुतोष महाराज

सवाल.. हाईकोर्ट के आदेश हैं कि उनके शरीर को रेगुलर चिकित्सक चेकअप करेंगे, इसकी क्या व्यवस्था है ?
उत्तर..
. माननीय हाईकोर्ट ने तो अब आदेश दिए हैं कि महाराज आशुतोष का रेगुलर चेकअप किया जाए, लेकिन हमारी चिकित्सकों की टीम तो काफी समय पहले से लगातार जांच कर रही है। चिकित्सकों की टीम समय-समय पर आकर समाधि में लीन महाराज का चेकअप कर जाती है। रूम के रेडिएशन फ्री रखा गया है। मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक्स गैजेट भी नहीं ले जा सकते। इसके अलावा तीन तीन घंटे की शिफ्ट में सेवादारों की ड्यूटी महाराज के रूम में लगती है, जो वहां पर बैठकर साधना करते हैं।

सवाल… सरकारी चिकित्सकों की ओर से महाराज को क्लीनिकल डेथ बताया जा चुका है, ऐसे में वह समाधि में हैं, कैसे कहा जा सकता है ?
जवाब.
. आशुतोष महाराज समाधि में लीन हैं। हमारे साधक जो बह्मज्ञानी हैं, उनके साधना पर बैठने के बाद महाराज दर्शन देते हैं। जो लोग बह्रमज्ञानी हैं, उनको पता है कि अध्यात्म के रास्ते पर चलकर गुरु के दर्शन कैसे किए जाते हैं। आज भी उनकी गाइड लाइन व दिशा निर्देश मिलते हैं, जिनको फालो किया जाता है।

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सवाल.. समाधि में लीन आशुतोष महाराज कैसी गाइड लाइन या निर्देश जारी करते हैं, इस पर विस्तार से बताइए?
जवाब..
 आशुतोष महाराज तीन साल से समाधि में लीन हैं। उसके बाद उनके निर्देश में हमारे कई ऐसे कार्य हैं, जिनमें हमने मील पत्थर साबित किया है। हमारी गोशाला कामधेनु को भारत की नंबर वन का दर्जा दिया गया। पहले हमारे 3 स्कूल चलते थे, अब 18 चल रहे हैं। हमारे प्रचारकों में वृद्धि हो रही है। आस्ट्रेलिया से यूरोप तक प्रचारक जा रहे हैं। पहले हम 11 जेलों में कैंप लगाते थे। अब 41 जेलों को कवर किया जा रहा है।

जहां पर भी गलती होती है, हमें महाराज की ओर से गाइडलाइन मिल जाती है, ऐसे किया जाए तो ठीक होगा। हम ठीक वैसा ही करते हैं और नतीजा आपके सामने है। 15 साल से हमारा प्रोजेक्ट था कि जेल से छूटने वाले अपराधियों के लिए डीएडिक्शन सेंटर खोला जाए, उसमें हम सफल हो गए हैं। हमारी फार्मेसी पहले छोटे से कमरे तक सीमित थी, अब एक बड़ा सेटअप लग गया है। यह सब आशुतोष महाराज के निर्देश का परिणाम है। हमारे संस्थान में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।

सवाल.. अब आगे क्या योजना है, संस्थान क्या-क्या करेगा?
उत्तर.
. हमारे कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं जैसे अंतर क्रांति, अंतरदृष्टि, कामधेनु, अरोग्य, संतुलन, संरक्षण, समाधान। इन सब पर हमारा पूरा फोकस है। यह आगे तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारी कामधेनु गोशाला देश की नंबर वन घोषित हो चुकी है। नशे के खिलाफ हमारा बड़ा अभियान पंजाब में शुरू हो चुका है।

सवाल… महाराज समाधि में लीन है, इसे लेकर 3 साल कानूनी जंग चली, इस पर क्या कहना चाहेंगे ?
उत्तर..
. यह करोड़ों लोगों की आस्था है। यह कानूनी लड़ाई एक साजिश थी, जिस पर हम खुलकर कुछ नहीं कहना चाहते हैं। पूर्ण सिंह का आवेदन कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया। आशुतोष महाराज का बेटा होने का दावा करने वाले दिलीप झा को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।

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