ये था सबसे बड़ा नरसंहार, 10 लाख लोगों को काट डाला
अफ्रीकी देश रवांडा के कैथोलिक चर्च के बिशप फिलिप रुकांबा ने रवांडा नरसंहार पर माफी मांगी है। रविवार को उन्होंने सार्वजनिक रूप से माना कि नरसंहार को बढ़ावा देने में चर्च की भी भूमिका थी।
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उस वक्त हुतु समुदाय के सरकार थी और उन्हें लगा कि यह हत्या तुत्सी समुदाय के लोगों ने की है। इनकी हत्या के दूसरे ही दिन पूरे देश में नरसंहार शुरू हो गया। हुतु सरकार ने अपने सैनिक भी इसमें शामिल हो गए।
क्योंकि तत्कालीन हुतु सरकार ने आम जनता के साथ अपने सैनिकों को भी तुत्सी समुदाय के लोगों को मारने का आदेश दिया।
इस नरसंहार में कुछ ही दिन में 80000 से भी ज्यादा तुत्सी समुदाय के लोगों को मार दिया गया था। कई देश छोड़कर भाग गए थे। नरसंहार करीब 100 दिन तक चला, जिसमें मौत का आंकड़ा 10 लाख के करीब पहुंचा था। इसमें सबसे ज्यादा मरने वालों की संख तुत्सी समुदाय के लोगों की ही थी। पहले भी इन दोनों समुदायों के बीच वर्चस्व को लेकर हिंसक झड़प होती रही थीं, जो इस भयानक नरसंहार के रूप में सामने आई।
मासूम बच्चों तक को काटकर फेंक दिया गया था सड़कों पर
इस नरसंहार ने रवांडा को बर्बाद कर दिया था। लाखों परिवार उजड़ गए थे। यह इतना भयानक नरसंहार था कि आज भी यहां के लोग उस हादसे को याद कर सहम उठते हैं। इसका सबसे ज्यादा शिकार बच्चे और महिलाएं बनीं। हजारों महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। महिला-पुरुष तो सही, नरसंहार में मासूम बच्चों तक को नहीं बख्शा गया था। बच्चों को भी काटकर सड़कों पर फेंक दिया गया था। तुत्सी समुदाय के लोगों की निर्मम हत्या के बाद उनके घर लूट लिए गए थे। इसके बाद घरों में ही उनके शव जला दिए गए थे।