दो दिग्गजों ने सचिन, सौरव, लक्ष्मण की काबिलियत पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। दो पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने टीम इंडिया के कोच चुनने के प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टीम इंडिया के लिए कोच चुनने वाली सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सीएसी इन दिनों कोच के साथ ही गेंदबाजी और बल्लेबाजी सलाहकार को भी चुनने के लिए आलोचनाओं के घेरे में है।
हालांकि, अब जिन दो पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने कोच चुनने की प्रक्रिया पर और भी बड़े सवाल उठा दिए हैं। ये दो पूर्व क्रिकेटर हैं संदीप पाटिल और ईएस प्रसन्ना।
पूर्व में टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रह चुके संदीप पाटिल ने कहा है कि सीएसी टीम इंडिया के लिए कोच चुनने के लायक नहीं है तो प्रसन्ना ने कहा है कि वह मुख्य कोच को चुनने के पूरे ड्रामे से निराश हैं।
पाटिल ने सीएसी की काबिलियत पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सचिन, सौरव और लक्ष्मण महान खिलाड़ी हो सकते हैं, लेकिन एक कोच के तौर पर उन्हें कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में इन तीनों पर कोच चुनने की जिम्मेदारी कैसे डाली जा सकती है। आपको बता दें कि क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद संदीप पाटिल कोचिंग से जुड़े रहे हैं। पाटिल ने पूछा कि क्या कोच अंपायर को चुनते हैं या फिर अंपायर पर कोच चुनने का जिम्मा होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी कुछ-कुछ ऐसा ही हुआ है।
पाटिल ने शास्त्री के बारे में बताया कि वह क्रिकेट खेलने के दौरान उनके रूममेट रह चुके हैं। वह उनके स्वभाव को अच्छी तरह जानते हैं। ये दोनों पूर्व खिलाड़ी नेशनल क्रिकेट अकादमी में भी काम कर चुके हैं। पाटिल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि शास्त्री के लिए कोच का पद सूट करता है। उन्हें टीम डायरेक्टर या मेंटॉर का पद देना चाहिए था। पाटिल ने यह भी कहा कि कोच को लेकर ड्रामे की जरूरत नहीं थी। नाम का ऐलान मंगलवार की बजाय सोमवार को ही किया जा सकता था।
वहीं, भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने मुख्य कोच चुनने को लेकर सीएसी की प्रक्रिया को ‘ड्रामा’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक चले ड्रामे की जरूरत नहीं थी और सीएसी में शामिल सचिन, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की इस तिकड़ी को सीधे शास्त्री के नाम का ऐलान कर देना चाहिए था।
प्रसन्ना ने कहा कि शास्त्री हमेशा से कोच की पहली पसंद थे। इन तीनों महान खिलाड़ियों ने कोच के नाम का ऐलान करने के लिए ज्यादा समय ले लिया। एक आम राय बनानी चाहिए थी। जो मैं पढ़ रहा हूं उससे ऐसा लगता है कि यह तीनों एक फैसले पर नहीं पहुंचे और यह सब अंतिम समय पर हुआ।
इसके साथ ही प्रसन्ना ने कहा कि सीएसी को कोचिंग स्टाफ से बाकी लोगों को बाहर रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिए सलाहकार आने से शास्त्री केवल टीम मैनेजर बनकर रह गए हैं और कोच का पद सिर्फ नाम भर का रहेगा। उन्होंने कहा, ‘सीएसी जहीर और राहुल को और बेहतर पद दे सकती थी। मैं नहीं जानता कि संजय बांगड़ बैटिंग कोच बने रहेंगे या नहीं। जो काम अंत में उन्होंने किया है वह काम बीसीसीआइ भी कर सकता था। फिर सीएसी की क्या जरूरत।’