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शिवसेना ने कहा- दलित होना नहीं, कोविंद की योग्यता बने उनकी पहचान

देश के 14वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए सोमवार को मतदान होना है. चुनाव के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नए राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है. संसद भवन के अलावा हर राज्य की विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा.

राष्ट्रपति चुनान के लिए संसद के दोनों सदनों में जहां सांसदों की वोटिंग की व्यवस्था की गई है, वहीं राज्य विधानसभाओं में वहां के निर्वाचित सदस्य वोट डालेंगे. 20 तारीख को परिणाम आएंगे. चुनाव में संख्याबल के आधार पर कोविंद की जीत तय मानी जा रही है. लेकिन आज ही सरकार की सहयोगी शिवसेना ने राष्ट्रपति पद पर निशाना साधा है.

शिवसेना ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को चुनाव के लिए शुभकामनाएं दी है और साथ ही कहा है कि राष्ट्रपति पद पर रबर स्टैंप की जो मुहर लगी है उसे पोछना जरूरी है. पार्टी के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि कुछ भी हो, आज होनेवाला राष्ट्रपति पद का चुनाव अब एकतरफा हो गया है.

सामना में कहा गया कि ऐसा लगता है कि रामनाथ कोविंद के खिलाफ कांग्रेस ने मीरा कुमार को जबरन चुनावी मैदान में उतार दिया है. यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार की तारीफ में लिखा गया कि उन्हें बहुत बड़ी राजनीतिक विरासत मिली हुई है लेकिन रामनाथ कोविंद के पीछे ऐसी कोई विरासत नहीं है और एक आम आदमी को देश का सर्वोच्च पद प्राप्त हो रहा है.

संपादकीय में लिखा गया कि आगामी राष्ट्रपति कोविंद के सामने आने वाले वक्त में चुनौती बहुत बड़ी है. उन्हे स्वंय को सिद्ध करके दिखाना पड़ेगा और राष्ट्रपति पद पर रबर स्टैंप की जो मुहर लगी है उसे  पोछना होगा. कोविंद सभ्य और सीधे व्यक्तित्व के नेता है. उनके दलित होने का उल्लेख बार-बार किया जाता है जो कि उचित नहीं है. उनकी योग्यता के साथ जाति ना चिपकाया जाए.

शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया कि भारत में राष्ट्रपति नामधारी ही होता है. प्रधानमंत्रई की मर्जी से ही वह लड़ता है और जीतकर आता है. रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना तय है, चुनाव तो महज औपचारिकता है.

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